menu-icon
India Daily
share--v1

अपने ही घर में घिरे मोहम्मद मुइज्जू, भारत विरोधी रुख अपनाने पर विपक्षी दलों ने घेरा, इंडिया को बताया सबसे पुराना सहयोगी

Maldives and India: मालदीव के दो प्रमुख विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी और डेमोक्रेट्स ने सरकार के भारत विरोधी रुख की कड़ी निंदा करते हुए भारत का अपना सबसे पुराना सहयोगी घोषित किया है.

auth-image
Gyanendra Tiwari
maldives and india

हाइलाइट्स

  • मालदीव के विपक्षी दल भारत के साथ
  • मोहम्मद मुइज्जू सरकार पर साधा निशाना

Maldives and India: जब से मोहम्मद मुइज्जू बनें हैं उन्होंने भारत विरोधी रुख अपना रखा है. लक्षद्वीप और मालदीव विवाद के बाद दोनों देशों के रिश्तों में और खटास आ गई है. हालांकि, मालदीव के विपक्षी दल भारत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. वहां के दो प्रमुख विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी और डेमोक्रेट्स ने सरकार के भारत विरोधी रुख की कड़ी निंदा करते हुए भारत का अपना सबसे पुराना सहयोगी घोषित किया है.

"चीन के साथ करार देश के विकास के लिए खतरनाक"
हाल ही में  मालदीव की सरकार ने अनुसंधान और सर्वेक्षण के लिए सुसज्जित चीनी को अपना पहला बंदरगाह बनाने की अनुमति दी थी. मालदीव सरकार के इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच टेंशन और बढ़ गई है.  जिसे लेकर मालदीव की दोनों विपक्षी दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी और डेमोक्रेट्स ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि ये देश के दीर्घकालिक विकास के लिए बहुत ही खतरनाक करार दिया है.

"भागीदारों के साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए"
दोनों विपक्षी दलों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा- वर्तमान सरकार भारत विरोधी रुख अपनाए हुए है. देश के सबसे पुराने सहयोगी भारत को किसी भी विकास के कामों से अलग करना हमारे देश के दीर्घकालिक विकास के लिए  बेहद हानिकारक होगा. मालदीव के लोगों के हित के लिए सरकार को अपने पुराने भागीदारों के साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए, जैसा हमेशा से मालदीव करता आया है."

मालदीव  के  दोनों दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी और डेमोक्रेट्स के पास 87 में से 55 सीटें हैं. दोनों विपक्षी दलों ने विदेश नीति पर चिंता व्यक्त करते हुए शासन के मामलों में सहयोग देने का वादा किया है.

मालदीव में भारतीय सैनिक
मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद मोहम्मद मुइजू मालदीव में तैनात 70 भारतीय सैनिकों को भारत भेजने के लिए तेजी के साथ काम करते दिखे. वो कई बार भारत के सैनिकों को भेजने की बात कर चुके हैं. 14 जनवरी को दोनों देशों के बीच सैनिकों की भारत वापसी पर एक समझौता पर पहुंचे थे. मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत सरकार से सैनिकों को बुलाने की अपील भी की है.