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खैबर पख्तूनख्वा में TTP का कहर, पिछले 24 घंटों में हुए 16 हमले; दहला पाकिस्तान

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का खौफ देखा जा रहा है. TTP ने सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला कर दिया है.

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Edited By: Shilpa Srivastava
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Reported By: Raman Saini
TTP Pakistan Attack India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला अभियान छेड़ दिया है. बीते 24 घंटों में संगठन ने 16 हमले किए, जबकि 48 घंटों में यह आंकड़ा 32 तक पहुंच गया है. इन हमलों में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, कई जवान मारे गए हैं और कई घायल बताए जा रहे हैं.

टीटीपी ने यह हमले खैबर पख्तूनख्वा के 8 जिलों में किए हैं, जिसमें दक्षिण वजीरिस्तान, बाजौर, खैबर, उत्तर वजीरिस्तान, चितराल, टैंक, लक्की मरवत और स्वात शामिल हैं. सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, दक्षिण वजीरिस्तान सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां सरवेकाई, जरमिलिना, आजम वारसक और टोरा गोला में सेना की चौकियों पर स्नाइपर और भारी हथियारों से हमला किया गया. इस दौरान एक सैनिक की मौत हो गई और सेना की निगरानी प्रणाली को नष्ट कर दिया गया.

बाजौर में आतंकियों ने कैसे किया हमला?

बाजौर में आतंकियों ने लोई ममंद और वारा ममंद इलाकों में मोर्टार और लेजर गन से हमले किए, जिसमें दो सैनिक मारे गए और एक बख्तरबंद वाहन तबाह हो गया. खैबर जिले में लांडी कोटल और बारा क्षेत्रों में फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) और पुलिस पोस्ट को निशाना बनाया गया. एक माइन ब्लास्ट में पुलिस की चौकी पूरी तरह ध्वस्त हो गई और तीन FC कर्मी घायल हुए.

कितनी देर हुई गोलाबारी और किसे बनाया गया निशाना?

उत्तर वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में सर्क लेटा पोस्ट पर 50 मिनट तक चली गोलीबारी में कई सैनिक हताहत हुए. वहीं, चितराल में आतंकियों ने दो BM मिसाइलों से अरसून गैरीसन को निशाना बनाया, जिससे सेना का राशन डिपो नष्ट हो गया. टैंक जिले में एक सैन्य दल पर घात लगाकर हमला किया गया, जबकि लक्की मरवत में FC जवान रफीउल्लाह की हत्या कर दी गई.

स्वात में आतंकियों ने शांति समिति के सदस्य और काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के मुखबिर शाह वजीर खान को बम से निशाना बनाया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. पाकिस्तानी सेना की बढ़ती हताहतों और लगातार होते हमलों से यह स्पष्ट है कि टीटीपी ने खैबर पख्तूनख्वा पर अपना नियंत्रण बढ़ा लिया है और क्षेत्र एक बार फिर से आतंक के साए में आ गया है.