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थाईलैंड की राजमाता सिरीकित का निधन, 93 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

थाईलैंड की राजमाता सिरीकित का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह गरीबों की मदद और पर्यावरण संरक्षण के लिए जानी जाती थीं. सिरीकित, वर्तमान राजा वजीरालोंगकोर्न की मां थीं. उनका पार्थिव शरीर बैंकॉक के ग्रैंड पैलेस में रखा गया है. शाही अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है.

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Edited By: Reepu Kumari
Thailand's Queen Mother Sirikit has passed away.
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: थाईलैंड की राजमाता सिरीकित का शुक्रवार को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थीं और बैंकॉक के चुलालोंगकोर्न अस्पताल में भर्ती थीं. सिरीकित गरीबों की मदद और पर्यावरण संरक्षण के लिए वह जानी जाती थीं. राजमहल ने शनिवार को उनके निधन की पुष्टि की, जिससे पूरे देश में शोक की लहर फैल गई.

थाईलैंड की राजमाता की मौत से पहले क्या-क्या हुआ?

एक बयान में, महल ने कहा कि सिरीकित का बैंकॉक के एक अस्पताल में निधन हो गया. बयान में कहा गया है, 'महारानी की हालत शुक्रवार तक बिगड़ती रही और रात 9:21 बजे... चुलालोंगकोर्न अस्पताल में 93 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.'

थाईलैंड की राजमाता सिरीकित के बारे में

सिरीकित थाईलैंड के वर्तमान राजा वजीरालोंगकोर्न की मां थीं. महल ने कहा कि 17 अक्टूबर को उनकी तबीयत खराब हो गई थी और वह रक्त संक्रमण से पीड़ित थीं. राजा वजीरालोंगकोर्न ने थाई रॉयल हाउसहोल्ड ब्यूरो को उनके लिए शाही अंतिम संस्कार आयोजित करने का आदेश दिया है.

महल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अंतिम संस्कार तक उनका पार्थिव शरीर बैंकॉक स्थित ग्रैंड पैलेस के दुसित थोर्न हॉल में रखा जाएगा.

कौन थे थाईलैंड की राजमाता सिरीकित के पति?

सिरीकित का विवाह थाईलैंड के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सम्राट से हुआ था. सिरीकित का विवाह राजा भूमिबोल अदुल्यादेज से हुआ था, जो थाईलैंड के सबसे लंबे समय तक राज करने वाले सम्राट थे.

अदुल्यादेज का 2016 में निधन हो गया. दोनों की मुलाकात पेरिस, फ्रांस में हुई थी, जब अदुल्यादेज वहां देश के राजदूत के रूप में तैनात थे. दोनों ने अप्रैल 1950 में विवाह किया, उसी वर्ष अदुल्यादेज को थाईलैंड के राजा के रूप में ताज पहनाया गया था.

थाईलैंड की राजमाता के कितने बच्चे हैं?

दोनों के चार बच्चे थे - वर्तमान राजा वजीरालोंगकोर्न, और राजकुमारियां उबोलरत्ना, सिरिंधोर्न और चुलाभोर्न.

शादी के बाद, इस जोड़े ने थाईलैंड की घरेलू समस्याओं, जैसे ग्रामीण गरीबी, पहाड़ी जनजातियों में अफीम की लत और कम्युनिस्ट विद्रोह, को सुलझाने में खुद को समर्पित कर दिया. वे ग्रामीण इलाकों में भी जाते थे और लोगों की समस्याएं सुनते थे.

'ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों और बैंकॉक के अमीर, तथाकथित सभ्य लोगों के बीच गलतफहमियां पैदा होती हैं. ग्रामीण थाईलैंड के लोग कहते हैं कि उन्हें उपेक्षित किया जाता है, और हम दूरदराज के क्षेत्रों में उनके साथ रहकर इस अंतर को भरने की कोशिश करते हैं,' सिरीकित ने 1979 में एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक साक्षात्कार में बताया.

सिरीकित ने थाईलैंड में राजतंत्र का क्यों किया था बचाव?

एक बार सिरीकित ने थाईलैंड में राजतंत्र का बचाव किया था और कहा था कि यह देश में महत्वपूर्ण संस्था है. 'विश्वविद्यालयों में कुछ लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि राजतंत्र अब पुराना हो गया है. लेकिन मुझे लगता है कि थाईलैंड को एक समझदार राजा की ज़रूरत है,' उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया था. 'राजा आ रहे हैं' की पुकार पर हज़ारों लोग इकट्ठा हो जाएंगे. राजा शब्द में ही एक जादू है. यह अद्भुत है.'