नई दिल्ली: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) के इलाकों में लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान की आलोचना की है. 80वें संयुक्त राष्ट्र दिवस पर हुई एक खुली बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि, परवथानेनी हरीश ने बात की. उन्होंने पाकिस्तान से आग्रह किया कि इस क्षेत्र में हो रही हिंसा को रोका जाए.
हरीश ने कहा कि पीओके में लोग सैन्य कंट्रोल, यातना और पाकिस्तान द्वारा लोकल संसाधनों का गलत इस्तेमाल करने का खुलकर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इस्लामाबाद से अपना कब्जा खत्म करने और स्थानीय लोगों के बुनियादी मानवाधिकारों का सम्मान देने की भी बात कही.
हरीश ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है. वहां जितने भी लोग रहते हैं वो भारत के संविधान के तहत स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे अधिकार और स्वतंत्रता पाकिस्तान में नहीं दी जाती हैं और लोगों को लोकतंत्र के बजाय अक्सर दमन का सामना करना पड़ता है.
#WATCH | At the UNSC Open Debate on ‘The United Nations Organization: Looking into the Future’, refereing to Pakistan's statement, PR of India to the UN, Parvathaneni Harish, says, "... Let me emphasise that the Union Territory of Jammu and Kashmir has been, is, and will always… pic.twitter.com/PNV5Qp9AYA
— ANI (@ANI) October 25, 2025Also Read
हाल ही में पीओके में गंभीर अशांति फैल गई है. स्थिति तब हिंसक हो गई, जब पाकिस्तानी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. इसमें कई नागरिक मारे गए. ये विरोध प्रदर्शन ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) द्वारा किया गया था. इस दौरान स्थानीय निवासी अपने बुनियादी अधिकारों और उनके साथ उचित व्यवहार की मांग कर रहे थे.
बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सरकार पर PoK का शोषण करने का आरोप लगाया है. साथ ही लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया. इस दौरान पूरे एरिया में कई दिनों तक दुकानें, बाजार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद रहे. पाकिस्तानी सरकार ने PoK में हजारों अतिरिक्त सैनिक भेजकर और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया.
यहां पर कई दिनों तक तनाव चलता रहा, जिसके बाद एक टेम्पररी शांति समझौता हुआ. इस समझौते के तहत पाकिस्तानी सरकार प्रदर्शनकारियों की कुछ मांगों पर सहमत हो गई. हालांकि, ऐसा नहीं है कि स्थिति सुधर गई है, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है.