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India Daily

कतर में इजरायली हमलों से भड़के ट्रंप, अपने खास दोस्त PM नेतन्याहू के लिए गुस्से में ये क्या बोल गए

Trump Netanyahu anger: इस महीने की शुरुआत में 11 सितंबर को इजरायल ने कतर में हमास के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाया. दोहा में हमास के वरिष्ठ नेता ट्रंप की ओर से प्रस्तावित शांति योजना पर चर्चा के लिए जमा थे. इजरायली एयरस्ट्राइक ने न केवल हमास के ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि कतर जैसे अमेरिकी सहयोगी देश की संप्रभुता का भी उल्लंघन किया.

DonaldTrump
Courtesy: x/ @realDonaldTrump

Trump Netanyahu anger: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच दोस्ती की मिसाल कही जाने वाली रिश्ते में अब दरार पड़ने के संकेत मिल रहे हैं. कतर की राजधानी दोहा में इजरायल के साहसी हमले से आहत ट्रंप ने अपने 'महान मित्र' नेतन्याहू पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने एक निजी बैठक में इतना गुस्सा दिखाया कि उन्होंने अपशब्दों का सहारा ले लिया. यह घटना न केवल अमेरिका-इजरायल संबंधों पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि मध्य पूर्व की शांति प्रक्रिया को भी नई चुनौतियों से घेर रही है.

ट्रंप की शांति योजना पर फेरा पानी 

इस महीने की शुरुआत में 11 सितंबर को इजरायल ने कतर में हमास के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाया. दोहा में हमास के वरिष्ठ नेता ट्रंप की ओर से प्रस्तावित शांति योजना पर चर्चा के लिए जमा थे. इजरायली एयरस्ट्राइक ने न केवल हमास के ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि कतर जैसे अमेरिकी सहयोगी देश की संप्रभुता का भी उल्लंघन किया.

ट्रंप प्रशासन को इस हमले की पूर्व सूचना बहुत देर से मिली, जिससे वे इसे रोक नहीं सके. व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने इसे 'एकतरफा कार्रवाई' करार दिया, जो अमेरिका की गाजा युद्ध और मध्य पूर्व नीति के उद्देश्यों के विपरीत है. ट्रंप ने ओवल ऑफिस में वरिष्ठ अधिकारियों, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल थे.

रिपोर्ट्स के अनुसार, गुस्से से लाल ट्रंप ने चिल्लाते हुए कहा, "वह मुझे धोखा दे रहा है!". उन्होंने नेतन्याहू पर अमेरिका को 'अंधेरे में रखने' का आरोप लगाया. हालांकि, ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वे सार्वजनिक रूप से इजरायल से अलगाव नहीं अपनाएंगे, लेकिन निजी तौर पर उनकी नाराजगी साफ झलक रही है.

इजरायल की लगातार कार्रवाइयां 

यह पहली बार नहीं है जब इजरायल की कार्रवाइयों ने ट्रंप को परेशान किया हो. ईरान, लेबनान, सीरिया, यमन और अब कतर पर इजरायल के लगातार हमले ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति से टकरा रहे हैं. ट्रंप गाजा युद्ध को जल्द समाप्त करने और क्षेत्रीय शांति स्थापित करने के पक्षधर हैं, लेकिन नेतन्याहू की आक्रामक रणनीति इसे बाधित कर रही है.

कतर जो हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था, अब इस हमले से नाराज है. कतरी प्रधानमंत्री ने इसे 'विश्वासघात' बताया और अमेरिका के साथ सुरक्षा साझेदारी की समीक्षा की बात कही. ट्रंप ने नेतन्याहू को फोन पर कड़ी चेतावनी दी, "बहुत सावधान रहो!" उन्होंने कतर के अमीर से बात कर आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा.

इजरायली अधिकारियों का दावा है कि हमले से पहले ट्रंप को सूचना दी गई थी, लेकिन व्हाइट हाउस इसे खारिज करता है. एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने हमले से ठीक पहले ट्रंप से बात की, लेकिन अमेरिकी पक्ष का कहना है कि मिसाइलें उड़ान भर चुकी थीं.

क्या बदलेगा अमेरिका-इजरायल गठबंधन?

ट्रंप की नाराजगी के बावजूद, इजरायल ने कोई माफी नहीं मांगी. नेतन्याहू ने कहा कि हमास जैसे आतंकियों को कहीं भी दंडित करने का अधिकार है. विदेश मंत्री रुबियो दोहा यात्रा पर हैं, जहां कतर के साथ रक्षा समझौते को मजबूत करने की कोशिश हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना ट्रंप-नेतन्याहू के रिश्तों में नई ठंडक ला सकती है. गाजा में युद्धविराम की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं, जबकि मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है. 

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर कहा, "यह नेतन्याहू का फैसला था, मेरा नहीं. लेकिन हमास को खत्म करना सही लक्ष्य है."यह घटना अमेरिकी विदेश नीति के लिए एक सबक है: सहयोगी देशों की कार्रवाइयां अनियोजित हो सकती हैं. क्या ट्रंप अब इजरायल पर दबाव बढ़ाएंगे? आने वाले दिनों में इसका जवाब मिलेगा.