Sheikh Hasina Trial: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों का मुकदमा शुरू हो चुका है. देश के अभियोजकों ने हसीना और उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों पर 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हिंसक दमन में प्रत्यक्ष भूमिका निभाने का आरोप लगाया है. हसीना ने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और इसके तुरंत बाद भारत के लिए पलायन कर गई थीं.
मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने रविवार को एक टेलीविज़न सुनवाई के दौरान बताया, 'इन हत्याओं की पहले से योजना बनाई गई थी.' उन्होंने आगे कहा, 'वीडियो फुटेज और एजेंसियों के बीच एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन से यह स्पष्ट होता है कि शेख हसीना ने खुद इन अभियानों का आदेश दिया था.' रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों, उनकी राजनीतिक पार्टी और उससे जुड़े संगठनों ने मिलकर कई निर्दोष लोगों की जान ली.
प्रमुख अभियोजकों ने कहा कि शेख हसीना, सरकार की मुखिया होने के नाते, सुरक्षा बलों की गतिविधियों की कमांड जिम्मेदारी संभालती थीं. इस आधार पर उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है. मामले में 81 गवाहों को शामिल किया गया है, जिनकी गवाही से पूरे घटनाक्रम की तस्वीर और स्पष्ट होने की संभावना है. गवाहों की गवाही से मामले की जांच आगे बढ़ने की उम्मीद है.
2024 के छात्र-नेतृत्व वाले जनआंदोलन ने बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर उथल-पुथल मचा दी. लाखों लोग हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए. जनता के भारी दबाव के चलते उन्होंने अगस्त में पद छोड़ दिया और नई दिल्ली भाग गईं. उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं. इस आंदोलन ने बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया.