डिंग यूआन्झाओ की कहानी सिर्फ एक करियर मोड़ नहीं, बल्कि एक ऐसे युवा की मिसाल है जिसने डिग्रियों के बल पर नहीं, बल्कि अपने आत्मविश्वास और मेहनत के दम पर ज़िंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई जीती. शानदार शिक्षा के बावजूद जब नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि जीवन को नया रास्ता दिया. आज वह फूड डिलीवरी करके न केवल कमाई कर रहे हैं, बल्कि समाज में एक नई सोच भी जगा रहे हैं.
डिंग यूआन्झाओ का शैक्षणिक सफर अविश्वसनीय रहा है. उन्होंने चीन की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षा में 700 अंक लाकर Tsinghua University में दाखिला पाया. फिर Peking University से मास्टर्स किया, और सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की. इसके बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च भी की. मगर मार्च 2023 में जब उनका रिसर्च कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ, तो उन्हें नौकरी नहीं मिली. 10 से ज़्यादा इंटरव्यू के बावजूद हर जगह से उन्हें ‘ना’ सुनने को मिला.
नौकरी न मिलने के बाद भी डिंग ने हार नहीं मानी. उन्होंने सिंगापुर की सड़कों पर साइकिल लेकर फूड डिलीवरी का काम शुरू किया. दिन के 10 घंटे काम कर वे हर हफ्ते ₹47,000 (लगभग 700 सिंगापुर डॉलर) तक कमा रहे हैं. डिंग का मानना है कि यह काम स्थिर, सम्मानजनक और ईमानदारी से कमाई वाला है. उन्होंने कहा, “यह नौकरी छोटी नहीं है. इसमें मेहनत है और आत्मसम्मान भी.”
डिंग अब सोशल मीडिया पर युवाओं को सलाह भी देते हैं. उनके वीडियो में वे छात्रों को बताते हैं कि रिज़ल्ट ही सब कुछ नहीं होता, असली खेल तो उसके बाद शुरू होता है. उनका यह नजरिया युवाओं को मानसिक मजबूती और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है. चीन में उनकी सादगी और हिम्मत को लेकर लोग भावुक हो गए हैं. वे कहते हैं, “काम कोई भी हो, अगर ईमानदारी है तो आप किसी भी डिग्री से बड़े हैं.”
जब डिंग की कहानी सामने आई, तो चीन के सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. किसी ने तंज कसा "इतनी पढ़ाई करके डिलीवरी?" तो किसी ने तारीफ की "यही तो असली हिम्मत है!" डिंग का ‘नो-ड्रामा’ रवैया और उनकी विनम्रता लोगों को पसंद आई. वह ट्रेंड कर रहे हैं, लेकिन किसी स्कैंडल के कारण नहीं, बल्कि इसलिए कि उन्होंने जीवन की कठोर सच्चाई को अपनाया और उसमें भी मुस्कुराना नहीं छोड़ा.