Tibet Earthquake: तिब्बत में नेपाल सीमा के पास 7.1 तीव्रता के भूकंप से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, समाचार एजेंसी एएफपी ने चीनी मीडिया शिन्हुआ के हवाले से बताया. भूकंप के झटके भारत के कई हिस्सों, जैसे बिहार, असम और पश्चिम बंगाल में भी महसूस किए गए. इस भूकंप ने शिगात्से के आसपास की इमारतों को नुकसान पहुंचाया और नेपाल और भारत में भी लोग सड़कों पर भागते नजर आए. सरकारी मीडिया के अनुसार, यह भूकंप मंगलवार सुबह 9:05 बजे आया था और इसका केंद्र 10 किमी की गहराई पर था.
नेपाल एक जियोलॉजिकल एक्टिव रीजन में स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हिमालय बनते हैं, और यहां भूकंप अक्सर आते हैं. 2015 में, नेपाल में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने लगभग 9,000 लोगों की जान ले ली थी और 22,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, साथ ही आधे मिलियन से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा था.
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, यह भूकंप सुबह 6:35 बजे दर्ज किया गया था. एनसीएस के डाटा से पता चलता है कि पहले भूकंप के बाद क्षेत्र में दो और भूकंप आए. एक सीसीटीवी के अनुसार, डिंगरी काउंटी और इसके आसपास के क्षेत्रों में बहुत तेज झटके महसूस हुए और भूकंप के केंद्र के पास कई इमारतें गिर गईं. नेपाल की राजधानी काठमांडू में 400 किलोमीटर (250 मील) दूर झटके महसूस हुए, जहां लोग अपने घरों से बाहर भागे.
झटके बिहार राज्य के उत्तरी हिस्से में भी महसूस हुए, जो नेपाल से सटा हुआ है. दीवारें हिलने के साथ लोग अपने घरों और अपार्टमेंट से निकलकर बाहर भागने लगे.