menu-icon
India Daily

PoK के नागरिकों ने ब्लॉक किया चीन-पाक हाइवे, परिंदा भी नहीं मार पा रहा पर, आजादी के लिए खौल रहा खून!

यह हाईवे पाकिस्तान और चीन को जोड़ने वाली अहम सड़क है. प्रदर्शनकारी सरकार की व्यापार नीतियों को "शोषणकारी" बता रहे हैं और इसे अपनी आजीविका पर हमला मान रहे हैं.

auth-image
Edited By: Gyanendra Tiwari
thousands block China Pak highway for 3 days POK

पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में हजारों लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है. नाराज स्थानीय लोग शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का मुख्य हिस्सा कराकोरम हाईवे को तीन दिन तक जाम रखा. यह हाईवे पाकिस्तान और चीन को जोड़ने वाली अहम सड़क है. प्रदर्शनकारी सरकार की व्यापार नीतियों को "शोषणकारी" बता रहे हैं और इसे अपनी आजीविका पर हमला मान रहे हैं.

गिलगित-बाल्टिस्तान के गुलमट नगर में शुरू हुआ यह प्रदर्शन रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. हजारों लोग सड़कों पर उतरे और कराकोरम हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया, जिससे इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई. इस जाम की वजह से सैकड़ों यात्री और पर्यटक फंस गए, और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. प्रदर्शनकारी तब तक सड़क जाम रखने की बात कह रहे हैं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं.

सोस्त ड्राई पोर्ट पर माल अटका, व्यापारियों में गुस्सा

प्रदर्शन की मुख्य वजह सोस्त ड्राई पोर्ट पर पिछले छह महीने से रुकी हुई 257 से ज्यादा माल की खेप है. व्यापारियों का कहना है कि दिसंबर 2024 से कस्टम क्लीयरेंस रुका हुआ है, जिससे उनका सामान खराब हो रहा है और उन्हें रोजाना पोर्ट शुल्क के साथ भारी नुकसान हो रहा है. व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि एक बार की छूट देकर उनके सामान को तुरंत क्लीयर किया जाए. उनका कहना है कि सरकार की नीतियों ने उनकी आजीविका को बर्बाद कर दिया है.

स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट

प्रदर्शन में गिलगित, हूंजा और आसपास के इलाकों के व्यापारी, विद्वान और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. उन्होंने बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान में उद्योग या निजी क्षेत्र में नौकरियों का अभाव है, और चीन के साथ व्यापार ही स्थानीय लोगों की आय का मुख्य स्रोत है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तान की फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) और कस्टम विभाग की नीतियों ने ट्रांसपोर्टरों, दुकानदारों, मजदूरों, होटल मालिकों और छोटे व्यापारियों को बेरोजगार कर दिया है.

प्रशासन और सरकार पर सवाल

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान कस्टम और गिलगित-बाल्टिस्तान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. स्थानीय नेता और शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएल(एन) के पूर्व विधायक जावेद हुसैन ने सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग सभी टैक्स दे रहे हैं, फिर भी उनका माल क्लीयर नहीं हो रहा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार आतंकवादियों को माफी दे सकती है, लेकिन व्यापारियों की छोटी सी मांग को अनसुना कर रही है.

पहले भी हो चुके हैं विरोध प्रदर्शन

यह पहली बार नहीं है जब गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग सड़कों पर उतरे हैं. पिछले महीने भी यहां जमीन और खनिजों की लूटपाट और बिजली कटौती के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हुए थे. लोग इसे अपनी जमीन पर "अवैध कब्जे" का विरोध बता रहे थे और नारे लगा रहे थे, "कब्जे पर कब्जा नामंजूर." अक्टूबर 2023 में स्कर्दू में लोगों ने भारत के साथ कारगिल रोड खोलने की मांग की थी, ताकि सामान की कमी और महंगाई से निजात मिल सके.