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India Daily

Syria Civil War: बशर अल-असद के शासन से आजाद हुआ सीरिया, सभी कैदियों को जेल से किया गया रिहा

सीरिया के सरकारी टीवी ने कुछ लोगों के समूह का एक वीडियो बयान प्रसारित किया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया गया है. साथ ही सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Syria Updates
Courtesy: x

Syria Updates: सीरिया की बशर अल-असद सरकार रविवार को तड़के गिर गई, जिससे असद परिवार के 50 साल के शासन का आश्चर्यजनक अंत हो गया. जब विद्रोही अचानक आक्रमण करके सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्र में घुस गए और 10 दिनों के भीतर राजधानी में प्रवेश कर गए. विद्रोहियों ने आजादी के बाद कहा ' स्वतंत्र सीरियाई राज्य अमर रहे, जो सभी सीरिया के जातियों और सभी संप्रदायों के लिए है."

सीरिया में बशर अल-असद की सरकार का पतन हो चुका है और विद्रोहियों ने देश के प्रमुख हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति बशर अल-असद अब सीरिया छोड़कर भाग चुके हैं. विद्रोहियों ने अब सरकारी रेडियो और टीवी बिल्डिंग पर भी नियंत्रण कर लिया है, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि वे जल्द ही नई सरकार का गठन कर सकते हैं. विद्रोही इलाके में विजय का जश्न मनाने के लिए हवाई फायरिंग कर रहे हैं.

सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने रविवार को एक रिकॉर्डेड संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी ऐसे नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है, जिसे जनता ने चुना हो. उन्होंने यह भी कहा, "मैं अपने घर पर ही हूं और यहां से बाहर जाने का कोई इरादा नहीं है. सिवाय इसके कि मैं शांतिपूर्ण तरीके से यहां से जाऊं ताकि सार्वजनिक संस्थान और राज्य सुविधाएं जारी रह सकें और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके."

रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि विद्रोही बलों ने दमिश्क को 'आजाद' घोषित कर दिया है. सैन्य कमान ने एक टेलीग्राम पोस्ट में लिखा, 'हम दमिश्क को बशर अल-असद के तानाशाही शासन से मुक्त कराते हैं.' बयान में यह भी कहा गया, 'दुनिया भर के विस्थापितों के लिए, एक स्वतंत्र सीरिया आपका इंतजार कर रहा है.' विद्रोही समूह के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने सैनिकों को आदेश दिया कि वे सरकारी संस्थानों के पास तब तक न जाएं जब तक उन्हें आधिकारिक रूप से सत्ता नहीं सौंप दी जाती. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल प्रधानमंत्री का कार्यालय ही विद्रोहियों के नियंत्रण में रहेगा.

सीरिया में गृहयुद्ध का इतिहास  

सीरिया में पिछले कई वर्षों से गृहयुद्ध चल रहा है, जिसकी शुरुआत 2011 में हुई थी. इस युद्ध में लाखों लोग मारे गए और लाखों अन्य को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. युद्ध की शुरुआत बशर अल-असद सरकार के खिलाफ हुई थी, लेकिन समय के साथ इसमें कई समूहों, आतंकवादी संगठनों और अन्य देशों की सेनाओं का हस्तक्षेप हुआ. रूस ने बशर अल-असद की सरकार का समर्थन किया, जबकि सीरिया के कई नागरिकों को पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी.

विदेश मंत्रालय का भारतीय नागरिकों के लिए परामर्श 

भारत सरकार ने सीरिया में रह रहे अपने नागरिकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द देश छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें.  

विद्रोहियों की मांगें  

विद्रोहियों की प्रमुख मांग यह थी कि बशर अल-असद को सत्ता से हटाया जाए और एक लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई नई सरकार का गठन किया जाए. वे सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की भी मांग कर रहे थे. कुछ धार्मिक गुटों ने इस्लामी शासन की स्थापना की भी मांग की, जिसमें सीरिया को इस्लामी कानून के तहत चलाने की बात की गई थी.