नई दिल्लीः अफ्रीकी यूनियन जी 20 का नया सदस्य होगा. भारत की मेजबानी में हो रहे इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने एलान किया कि इस समूह का नया सदस्य अफ्रीकी यूनियन होगा. सभी सदस्य देशों की सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया है. अफ्रीकी यूनियन के जी 20 में शामिल करने के निर्णय को भारत की अध्यक्षता में ऐतिहासिक कदम करार दिया जा रहा है. 55 देशों के समूह अफ्रीकी यूनियन को जी 20 में शामिल करने के लिए सभी सदस्य देशों ने सहमति दी है.
यूरोपीय यूनियन के बाद दूसरा बड़ा समूह
भारत में जी 20 समिट का पहला सत्र शुरु होते ही प्रधानमंत्री मोदी ने जी 20 के परमानेंट मेंबर के रूप में अफ्रीकी संघ के प्रमुख को उनकी सीट पर आने के लिए आमंत्रित किया. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के अलावा कोमोरस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आए हैं. अफ्रीकी यूनियन के शामिल होने के बाद इस समूह का नाम बदलकर जी 21 होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि अफ्रीकी यूनियन कुल 55 देशों का समूह है. जिसकी जीडीपी 18.81 हजार करोड़ रुपये की है. जी 20 का मेंबर बनने के साथ ही यह यूरोपीय यूनियन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समूह होगा.
भारत के लिए है खासी अहमियत
कोमोरोस के प्रेसिडेंट इस समिट में भाग लेने के लिए भारत आए हैं. यह अफ्रीका के पूर्वी छोर पर स्थित है. यह वेनिला आइलैंड का हिस्सा है. भारत के लिए यह हिंद महासागर रणनीति के लिहाज से काफी अहमियत रखता है. वेनिला आइलैंड छह देशों का एक समूह है. इसके सदस्य देश हैं कोमोरोस, मॉरीशस, मैयट, सेशेल्स, मेडागास्कर, और रीयूनियन.
लग सकता है महीनों का वक्त
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों जी 20 के शेरपाओं ने तीन तक चलीं महत्वपूर्ण बैठकों के दौर के बाद अफ्रीकी यूनियन को शामिल करने की मंजूरी दे दी थी. जानकारों के मुताबिक, आधिकारिक एलान होने के बाद भी इसके जी 20 में शामिल होने की प्रक्रिया में कई महीनों का समय लग सकता है. कहा जा रहा है कि अगले साल ब्राजील की अध्यक्षता में होने वाले जी 20 सम्मेलन में यह पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल होगा.
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