menu-icon
India Daily

सऊदी अरब ने UAE से आई हथियारों की खेप को बनाया निशाना, यमन के बंदरगाह पर बमबारी की बताई ये वजह

सऊदी अरब ने यमन के मुकल्ला बंदरगाह पर यूएई से आई हथियारों की खेप को निशाना बनाते हुए हवाई हमला किया है. इस कार्रवाई से सऊदी अरब और यूएई समर्थित एसटीसी के बीच तनाव और बढ़ गया है.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
सऊदी अरब ने UAE से आई हथियारों की खेप को बनाया निशाना, यमन के बंदरगाह पर बमबारी की बताई ये वजह
Courtesy: @ME_Observer_ X account

नई दिल्ली: सऊदी अरब ने यमन के बंदरगाह शहर मुकल्ला पर मंगलवार तड़के हवाई हमला करने की पुष्टि की है. सऊदी अरब का कहना है कि यह हमला वहां पहुंचे हथियारों की एक खेप को नष्ट करने के लिए किया गया, जो संयुक्त अरब अमीरात से आई थी और यमन के अलगाववादी संगठन साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल के लिए भेजी गई थी. इस कार्रवाई को सऊदी अरब ने सीमित सैन्य अभियान बताया है.

सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार यूएई के फुजैरा बंदरगाह से दो जहाज मुकल्ला पहुंचे थे. इन जहाजों से उतारे गए हथियार क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा माने गए. इसके बाद सऊदी वायुसेना ने लक्षित हमला कर हथियारों को नष्ट किया. इस कार्रवाई के बाद सऊदी अरब और यूएई समर्थित एसटीसी के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.

मुकल्ला पर क्यों हुआ हमला?

मुकल्ला यमन के हदरमौत प्रांत में स्थित है. यह इलाका हाल ही में साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल के नियंत्रण में आया है. मुकल्ला, अदन से लगभग 480 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है. अदन लंबे समय से हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने वाली ताकतों का मुख्य केंद्र रहा है, जब से 2014 में हूतियों ने राजधानी सना पर कब्जा किया था.

विश्लेषकों ने क्या बताया?

विश्लेषकों के अनुसार यह हमला सिर्फ हथियारों को निशाना बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसे एसटीसी के लिए एक सख्त संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है. पिछले शुक्रवार को भी सऊदी अरब ने हदरमौत और महरा क्षेत्रों में हवाई हमले किए थे. माना गया था कि यह एसटीसी को आगे बढ़ने से रोकने और कब्जाए गए इलाकों से पीछे हटने की चेतावनी थी.

एसटीसी इससे पहले इन इलाकों से सऊदी समर्थित नेशनल शील्ड फोर्सेज को बाहर कर चुका है. संगठन के समर्थक लगातार पुराने दक्षिण यमन के झंडे लहराते नजर आ रहे हैं. दक्षिण यमन 1967 से 1990 तक एक अलग देश रहा था. हाल के प्रदर्शनों में फिर से दक्षिण यमन की स्वतंत्रता की मांग उठाई जा रही है.

सऊदी अरब और यूएई के रिश्तों पर क्या पड़ा असर?

इन घटनाओं से सऊदी अरब और यूएई के रिश्तों में भी खटास बढ़ती दिख रही है. दोनों देश ओपेक में साथ काम करते हैं और रणनीतिक साझेदार माने जाते हैं, लेकिन यमन में उनके हित अलग अलग रहे हैं. इसके अलावा सूडान में भी दोनों खाड़ी देशों द्वारा अलग अलग गुटों को समर्थन दिए जाने से तनाव की स्थिति बनी हुई है.यूएई की ओर से इस हमले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.