नई दिल्ली: सऊदी अरब ने यमन के बंदरगाह शहर मुकल्ला पर मंगलवार तड़के हवाई हमला करने की पुष्टि की है. सऊदी अरब का कहना है कि यह हमला वहां पहुंचे हथियारों की एक खेप को नष्ट करने के लिए किया गया, जो संयुक्त अरब अमीरात से आई थी और यमन के अलगाववादी संगठन साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल के लिए भेजी गई थी. इस कार्रवाई को सऊदी अरब ने सीमित सैन्य अभियान बताया है.
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार यूएई के फुजैरा बंदरगाह से दो जहाज मुकल्ला पहुंचे थे. इन जहाजों से उतारे गए हथियार क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा माने गए. इसके बाद सऊदी वायुसेना ने लक्षित हमला कर हथियारों को नष्ट किया. इस कार्रवाई के बाद सऊदी अरब और यूएई समर्थित एसटीसी के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
Saudi Arabia says it bombs Yemen port city of Mukalla over shipment of weapons for separatists that arrived from UAE, reports AP
— Press Trust of India (@PTI_News) December 30, 2025
मुकल्ला यमन के हदरमौत प्रांत में स्थित है. यह इलाका हाल ही में साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल के नियंत्रण में आया है. मुकल्ला, अदन से लगभग 480 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है. अदन लंबे समय से हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने वाली ताकतों का मुख्य केंद्र रहा है, जब से 2014 में हूतियों ने राजधानी सना पर कब्जा किया था.
विश्लेषकों के अनुसार यह हमला सिर्फ हथियारों को निशाना बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसे एसटीसी के लिए एक सख्त संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है. पिछले शुक्रवार को भी सऊदी अरब ने हदरमौत और महरा क्षेत्रों में हवाई हमले किए थे. माना गया था कि यह एसटीसी को आगे बढ़ने से रोकने और कब्जाए गए इलाकों से पीछे हटने की चेतावनी थी.
एसटीसी इससे पहले इन इलाकों से सऊदी समर्थित नेशनल शील्ड फोर्सेज को बाहर कर चुका है. संगठन के समर्थक लगातार पुराने दक्षिण यमन के झंडे लहराते नजर आ रहे हैं. दक्षिण यमन 1967 से 1990 तक एक अलग देश रहा था. हाल के प्रदर्शनों में फिर से दक्षिण यमन की स्वतंत्रता की मांग उठाई जा रही है.
इन घटनाओं से सऊदी अरब और यूएई के रिश्तों में भी खटास बढ़ती दिख रही है. दोनों देश ओपेक में साथ काम करते हैं और रणनीतिक साझेदार माने जाते हैं, लेकिन यमन में उनके हित अलग अलग रहे हैं. इसके अलावा सूडान में भी दोनों खाड़ी देशों द्वारा अलग अलग गुटों को समर्थन दिए जाने से तनाव की स्थिति बनी हुई है.यूएई की ओर से इस हमले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.