Russia Ukraine war: रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्द को लेकर क्रेमलिन की तरफ से बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. उसका कहना है रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता पर फिलहाल विराम लग गया है. उसका कहना है कि इसके लिए यूरोप के देश जिम्मेदार है. हालांकि मॉस्को का कहना है कि उसकी शांति वार्ता में दिलचस्पी है लेकिन यूरोप इसमें बाधा डाल रहा है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का कहना है कि दोनों देशों के बीच वार्ता को लेकर कई चैनल स्थापित हैं, जो इस पर काम कर रहे हैं. हमारे वार्ताकारों के पास इन चैनलों के माध्यम से संवाद करने का मौका है.लेकिन मौजूदा हालात में ये कहना ज्यादा सटीक होगा कि फिलहाम बातचीत रूक गई है.रिपोर्टरों से बातचीत करते
हुए दिमित्री पेस्कोव ने बड़ा दावा किया.
क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से रूस के रूख को लेकर आगे कहा कि हम बातचीत के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हैं. लेकिन यह बात सच है कि यूरोपीय देश इसमें बाधा बन रहे हैं. हाल ही में चीन में एससीओ हुए शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन ने यूक्रेन को लेकर कहा था यदि समझदारी से काम लिया तो शांति वार्ता हो सकती है. इसी के साथ उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जरूरी हुआ को रूस हथियारों के बल प युद्ध को समाप्त कर देगा.
पुतिन ने ट्रंप के शांति के प्रयासों की तारीफ भी की थी. इसी के साथ उन्होंने कहा था कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिलने को तैयार हैं, लेकिन ये तभी संभव होगा कि जब अच्छे तरीके से बातचीत की तैयारी हो उसका ठोस परिणाम निकले. वहीं यूक्रेन ने कीव ने मास्को को दोनों राष्ट्रप्रमुखों के बीच बातचीत के लिए मास्को को आयोजन स्थल बनाने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.
जेलेंस्की ने अमेरिका और यूरोप के अपने सहयोगियों देशों से अपील कि वो रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए क्योंकि वो लगातार यूक्रेन पर बड़े हमले कर रहा है. उन्होंने भी पुतिन से सीधी बातचीत पर जोर दिया लेकिन मौजूदा हालात में अभी ये दूर की कौड़ी लग रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार ये कोशिश कर रहे हैं कि दोनों देश शांति वार्ता के लिए तैयार हों और करीब साढ़े तीन साल से चला आ रहा रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाए. वो लगातार ये चेतावनी दे रहे हैं कि अगर बातचीत नहीं हुई तो वे रूस पर दूसरे प्रतिबंध लगाएंगे.