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India Daily

रूस की धमकियों के बीच फ्रांस का बड़ा कदम, ड्रोन घुसपैठ के बाद पोलैंड में राफेल जेट तैनात, नाटो की सुरक्षा चेन और मजबूत

NATO Eastern Front: एक्स पर एक पोस्ट में मैक्रों ने कहा, 'पोलैंड में रूसी ड्रोन घुसपैठ के बाद, मैंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पोलिश हवाई क्षेत्र और नाटो के पूर्वी हिस्से की सुरक्षा में योगदान देने के लिए तीन राफेल लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला किया है.'

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Edited By: Reepu Kumari
France takes a big step amid threats from Russia, Rafale jets deployed in Poland after drone intrusi
Courtesy: Pinterest and x

NATO Eastern Front: यूरोप में बढ़ते सुरक्षा संकट के बीच फ्रांस ने नाटो के पूर्वी मोर्चे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है. हाल ही में रूसी ड्रोन घुसपैठ के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पोलैंड में तीन राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती की घोषणा की. यह कदम यूरोपीय सुरक्षा और नाटो की सामूहिक रक्षा रणनीति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है.

मैक्रों ने साफ कहा कि यूरोप की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और रूस की बढ़ती आक्रामक गतिविधियों के आगे झुकना संभव नहीं. फ्रांस की इस घोषणा ने न केवल पोलैंड बल्कि पूरे यूरोप में सुरक्षा सहयोग को नई दिशा दी है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पोलिश हवाई क्षेत्र में कई रूसी ड्रोन घुसे थे, जिनमें से कुछ को मार गिराया गया.

तीन राफेल लड़ाकू विमान तैनात

एक्स पर एक पोस्ट में मैक्रों ने कहा, 'पोलैंड में रूसी ड्रोन घुसपैठ के बाद, मैंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पोलिश हवाई क्षेत्र और नाटो के पूर्वी हिस्से की सुरक्षा में योगदान देने के लिए तीन राफेल लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला किया है.'

फ्रांसीसी नेता ने कहा कि उन्होंने बुधवार को सीधे पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क को इस फैसले से अवगत करा दिया है. उन्होंने इस मामले पर नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से भी चर्चा की, जिनके बारे में मैक्रों ने कहा कि वे भी 'पूर्वी सीमा की रक्षा में लगे हुए हैं.'

'यूरोप की रक्षा करना नाटो की रणनीति...'

मैक्रों ने जोर देकर कहा कि रूसी कार्रवाइयों से यूरोप की रक्षा करना फ्रांसीसी और नाटो की रणनीति का केंद्रबिंदु बना हुआ है. उन्होंने कहा, 'यूरोपीय महाद्वीप की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है,' और आगे कहा, 'हम रूस की बढ़ती धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे.' फ्रांसीसी घोषणा पोलैंड की सेना द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में यूक्रेन पर हमलों के दौरान अपने हवाई क्षेत्र में घुस आए रूसी ड्रोनों को मार गिराने की घोषणा के बाद आई है. वारसॉ ने तब से नाटो के अनुच्छेद 4 का हवाला देते हुए इस खतरे पर सहयोगियों के बीच परामर्श का आह्वान किया है.

यह कदम 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण शुरू होने के बाद से पूर्वी यूरोप में नाटो वायु रक्षा में फ्रांस के सबसे प्रत्यक्ष सैन्य योगदानों में से एक है. पोलैंड के उप-प्रधानमंत्री राडोस्लाव सिकोरस्की ने कहा कि घटना के पैमाने से पता चलता है कि यह जानबूझकर किया गया था. 

हालात खतरनाक

पोलिश संसद को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री डोनाल्ड टस्क ने आगाह किया कि हालांकि पोलैंड युद्ध में नहीं था, लेकिन स्थिति द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी भी समय की तुलना में अधिक खतरनाक थी. उन्होंने कहा, 'यह कहने का कोई कारण नहीं है कि पोलैंड युद्ध की स्थिति में है, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह किसी भी समय की तुलना में संघर्ष के अधिक निकट है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि पोलैंड एक ऐसे 'शत्रु का सामना कर रहा है जो अपने शत्रुतापूर्ण इरादों को छिपा नहीं पा रहा है.' सीएनएन के अनुसार, टस्क ने यह भी घोषणा की कि पोलैंड ने नाटो संधि के अनुच्छेद 4 को लागू किया है, जो गठबंधन को बैठक आयोजित करने और सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए खतरों पर चर्चा करने की अनुमति देता है.