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Russia Ukraine War: 'एक ही रास्ता बचा', रूस-यूक्रेन शांति समझौता बेअसर, डोनाल्ड ट्रंप करने जा रहे कुछ बड़ा? दिया ये सिग्नल

ट्रंप का यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई उनकी अलास्का बैठक के बाद आया है, जिसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया. इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की से हुई मुलाकात में उन्होंने त्रिपक्षीय बैठक कराने का आश्वासन दिया और स्थायी शांति की बात कही थी.

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Edited By: Reepu Kumari
Russia Ukraine War
Courtesy: Pinterest

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख बदलता हुआ नजर आ रहा है. जहां पहले उन्होंने शांति समझौते की वकालत की थी, वहीं अब उन्होंने यूक्रेन को जवाबी लड़ाई की इजाजत देने का संकेत दिया है. ट्रंप ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि बिना आक्रामक रणनीति के कोई भी युद्ध जीतना संभव नहीं है. ट्रंप का यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई उनकी अलास्का बैठक के बाद आया है, जिसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया.

इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की से हुई मुलाकात में उन्होंने त्रिपक्षीय बैठक कराने का आश्वासन दिया और स्थायी शांति की बात कही थी. उन्होंने जो बाइडेन प्रशासन को अक्षम बताते हुए कहा कि मौजूदा सरकार यूक्रेन को केवल बचाव तक सीमित कर रही है, जबकि वास्तविक जीत तभी संभव है जब जवाबी हमला किया जाए.

ट्रंप का पोस्ट

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध कभी नहीं होता. उन्होंने आने वाले समय को “दिलचस्प” बताते हुए संकेत दिया कि रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा हालात में जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने रूस का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन साफ कर दिया कि आक्रमणकारी देश को जवाब दिए बिना जीत की संभावना शून्य है.

रूस की भागीदारी की मांग दोहराई

वहीं, रूस लगातार पश्चिमी देशों की सैन्य तैनाती का विरोध कर रहा है. विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सुरक्षा गारंटी पर रूस की भागीदारी की मांग दोहराई और कहा कि उनके बिना किसी भी सुरक्षा गारंटी पर चर्चा करना व्यर्थ है. इस बीच, रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. पश्चिमी यूक्रेन के मुकाचेवो में अमेरिकी स्वामित्व वाली फैक्ट्री पर मिसाइल गिरने से भारी नुकसान हुआ और कम से कम 15 लोग घायल हो गए. इन घटनाओं से साफ है कि मौजूदा हालात में शांति समझौता मुश्किल होता जा रहा है और युद्ध नए मोड़ की ओर बढ़ रहा है.