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Russia-ukraine War: पुतिन की अमेरिका-यूरोप को सीधी धमकी, शांति समझौते से पहले यूक्रेन में उतारी फौज तो मचेगी तबाही

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को एक सख्त बयान जारी करते हुए कहा कि यूक्रेन में तैनात किसी भी विदेशी सैनिक को रूसी सेना 'वैध लक्ष्य' मानेगी, जब तक कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो जाते.

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Edited By: Garima Singh
Russia-ukraine War
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Russia-ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को एक सख्त बयान जारी करते हुए कहा कि यूक्रेन में तैनात किसी भी विदेशी सैनिक को रूसी सेना 'वैध लक्ष्य' मानेगी, जब तक कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो जाते. यह बयान व्लादिवोस्तोक में आयोजित पूर्वी आर्थिक मंच के एक पैनल चर्चा के दौरान आया. पुतिन ने साफ शब्दों में कहा, "अगर कोई सैनिक वहां दिखाई देता है, विशेष रूप से अब जब लड़ाई चल रही है, तो हम मानते हैं कि वे वैध लक्ष्य होंगे." यह टिप्पणी यूरोपीय नेताओं द्वारा यूक्रेन में शांति सेना तैनात करने की प्रतिबद्धता जताने के कुछ ही घंटों बाद आई है.

पुतिन ने यूक्रेन में शांति सेना की तैनाती के विचार को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मास्को अपने पड़ोसी देश पर साढ़े तीन साल से चल रहे आक्रमण को रोकने के लिए किसी भी शांति संधि का पालन करेगा, लेकिन इसके लिए रूस और यूक्रेन दोनों के लिए मजबूत सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी को भी रूस की प्रतिबद्धता पर संदेह नहीं होना चाहिए.

मैक्रों की प्रतिक्रिया और यूक्रेन समर्थक गठबंधन

पुतिन की यह टिप्पणी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उस बयान के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने गुरुवार को कहा था कि यूक्रेन के 26 सहयोगी देश युद्ध समाप्त होने के बाद 'आश्वासन बल' के रूप में सैनिक तैनात करने के लिए तैयार हैं. पेरिस में यूक्रेन समर्थक 35 देशों के गठबंधन की बैठक के बाद मैक्रों ने घोषणा की कि इनमें से 26 देश युद्धविराम या शांति स्थापना के बाद यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जमीन, समुद्र या हवा में अपनी उपस्थिति बनाए रखने को प्रतिबद्ध हैं.

रूस-यूक्रेन संघर्ष का इतिहास

रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था, और इसके लगभग आठ साल बाद, 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण शुरू किया. मास्को ने बार-बार नाटो सैनिकों की यूक्रेन में शांति सेना के रूप में मौजूदगी को 'अस्वीकार्य' करार दिया है. पुतिन की ताजा टिप्पणी इस तनाव को और गहरा करने वाली है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के शांति प्रयासों को चुनौती देती है.