PoK protests: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में लगातार हंगामा बढ़ता ही जा रहा है. सुरक्षा बलों और जनता के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है. तीन दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन अब पूरी तरह से हिंसक रूप ले चुका है. मिल रही जानकारी के मुताबिक इस तनाव की वजह से 12 नागरिकों की मौत हो चुकी है. वहीं 200 से भी ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे है.
PoK की जनता सरकार से नाखुश होकर अपनी मांगो के लिए सड़क पर उतर चुकी है. वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा गोलियों और आंसू गैसे तक इस्तेमाल किया जा रहा . स्थानीय मीडिया की मानें तो सुरक्षा बल किसी भी हाल में ज्यादा लोगों को एक जगह एकत्रित नहीं होने देना चाहती है, जिसके लिए गोलीबारी भी की जा रही है. नागरिकों और सुरक्षाबलों के इस झड़प में कई लोग घायल भी बताए जा रहे हैं.
रिपोर्ट की मानें तो मारे गए नागरिकों में 5 मुजफ्फराबाद, 5 धीरकोट और दो डडियाल के हैं. वहीं इस झड़प में तीन पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई है. PoK की जनता सरकार से नाखुश होकर और अपनी मूलभूत मांगों को लेकर सड़क पर उतरी थी, जो की देखते ही देखते व्यापक विरोध में तब्दिल हो गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र का लगातार शोषण किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने संसाधनों को लूटने का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सब लूटने के बाद भी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही है.
सुरक्षाबलों और जनता के बीच चल रहे इस तनाव को लेकर विश्लेषकों का कहना है कि यह विरोध-प्रदर्शन हाल के सालों का सबसे बड़ा है. जिसने जनता की नाराजगी को दुनिया के सामने रखा है. एएसी के नेतृत्व में चल रहे इस प्रदर्शन की वजह से आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित पीओके की 12 विधानसभा सीटों को खत्म कर दिया जाएगा. इसके अलावा भी सरकार से और भी कई मांगे की जा रही है. इसी बीच यूकेपीएनपी की ओर से संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की गई है.