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'वो हमारा दुश्मन नंबर-1, बीवियां यहां, साजिशें अफगानिस्तान में', पाक रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को लेकर उगला जहर

पाकिस्तानी रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा कि हमने अफगानों को अपने घरों में जगह दी, कारोबार करने दिया, लेकिन आज वे हमारे खिलाफ साजिशें रच रहे हैं. अफगान तालिबान के कई लोग पाकिस्तान में परिवार बसाए हुए हैं और वहीं से पाकिस्तान विरोधी संगठनों, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), की मदद कर रहे हैं.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Pakistani Defence Minister Khwaja Asif
Courtesy: Social Media

Afghanistan–Pakistan Relations: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते दिन-ब-दिन तल्ख़ होते जा रहे हैं. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) ने जिस तरह एयरस्ट्राइक किया, उसने आग में घी डालने का काम किया है और इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अब अफगानिस्तान भी जवाबी हमला कर सकता है.

वहीं अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने बड़ा बयान देते हुए अफगानिस्तान को पाकिस्तान का नंबर वन दुश्मन करार दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दशकों तक अफगान शरणार्थियों को सहारा दिया, लेकिन बदले में धोखा मिला.

"अफगानों को अपने घरों में जगह दी, वे हमारे खिलाफ साजिशें रच रहे हैं"

पाकिस्तानी रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा कि हमने अफगानों को अपने घरों में जगह दी, कारोबार करने दिया, लेकिन आज वे हमारे खिलाफ साजिशें रच रहे हैं. अफगान तालिबान के कई लोग पाकिस्तान में परिवार बसाए हुए हैं और वहीं से पाकिस्तान विरोधी संगठनों, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), की मदद कर रहे हैं. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान की मेहमाननवाजी का सबसे बड़ा फायदा उन्हीं लोगों ने उठाया जिन्होंने अब वफादारी बदल ली. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “वे पाकिस्तान में बिजनेस कर रहे हैं, यहां आलीशान घर हैं, लेकिन नारे लगाते हैं ‘अफगानिस्तान जिंदाबाद’, ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नहीं.”

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे से बौखलाया पाकिस्तान

बता दें कि अभी अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं. नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनका जिस तरह से गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी व बड़ी घोषणाएं हुई, उससे पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया है. पाकिस्तान को अब लगने लगा है कि हैरत द्वारा उसे कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने की कोशिशों को बल मिल रहा है और इसमें अफगानिस्तान का साथ भी भारत को मिल रहा है. भारत और तालिबान शासन की बढ़ती नजदीकी को पाकिस्तान कूटनीतिक हार के तौर पर देख रहा है, यही कारण है कि अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान को लेकर भी उसी तरह जहर उगलने लगा है, जिस तरह से वो भारत के खिलाफ करता है.