Nobel Prize: नोर्बे की राजधानी ओस्लो से आई खुशखबरी ने वेनेजुएला के लोकतंत्र संग्राम को नई ऊर्जा प्रदान कर दी है. नोबेल शांति पुरस्कार समिति ने इस साल का प्रतिष्ठित पुरस्कार वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान करने की घोषणा की. मचाडो को यह सम्मान उनके अथक प्रयासों के लिए दिया गया है, जिनके माध्यम से उन्होंने तानाशाही के खिलाफ लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की और देश में शांतिपूर्ण संक्रमण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया. आश्चर्यजनक रूप से, मचाडो ने इस पुरस्कार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को समर्पित कर दिया, जिन्होंने वेनेजुएला के संघर्ष में अमेरिकी समर्थन का वादा किया था.
नोबेल समिति के अध्यक्ष जोर्गेन वाट्ने फ्रिडनेस ने घोषणा के दौरान कहा, "मारिया कोरिना मचाडो लैटिन अमेरिका में हाल के वर्षों की सबसे असाधारण नागरिक साहस की मिसाल हैं. उन्होंने मचाडो को अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के तीनों मानदंडों लोकतंत्र को मजबूत करना, सैन्यीकरण का विरोध और शांतिपूर्ण परिवर्तन पर खरा उतरने वाली शख्सियत बताया. वेनेजुएला में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सत्तावादी सरकार के खिलाफ मचाडो ने विपक्ष को एकजुट किया. 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने से रोकी गईं मचाडो ने लाखों स्वयंसेवकों को संगठित कर चुनावी प्रक्रिया की निगरानी की और धांधली के प्रमाण इकट्ठे किए.
58 वर्षीय मचाडो, जिन्हें वेनेजुएला में 'आयरन लेडी' कहा जाता है, वर्तमान में देश में छिपकर रह रही हैं. 2010 में राष्ट्रीय सभा के सदस्य चुनी गईं, लेकिन 2014 में सत्ता ने उन्हें पद से हटा दिया. वे वेंटे वेनेजुएला पार्टी की प्रमुख हैं और 2017 में सोय वेनेजुएला गठबंधन का गठन करने में अग्रणी रहीं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी इस पुरस्कार की सराहना की, कहा कि यह वेनेजुएला के लोगों के लंबे संघर्ष को मान्यता देता है.
वेनेजुएला संघर्ष में अमेरिकी सहयोग का आभार
पुरस्कार की घोषणा के तुरंत बाद मचाडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की. एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, मैं स्तब्ध हूं! यह अविश्वसनीय है. उन्होंने पुरस्कार को ट्रंप को समर्पित करते हुए लिखा, "यह सभी वेनेजुएलावासियों के संघर्ष की बड़ी मान्यता है. हमारे काम को पूरा करने के लिए यह प्रेरणा बनेगी. हम जीत के द्वार पर खड़े हैं और राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिकी जनता, लैटिन अमेरिकी देशों तथा वैश्विक लोकतांत्रिक राष्ट्रों पर पूर्ण भरोसा करते हैं. मचाडो ने ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के समर्थन का विशेष उल्लेख किया, जो मादुरो की तानाशाही के खिलाफ विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण रहा.