Pakistan minister busts Trump claim: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से विवादों और टकरावों से घिरे रहे हैं. कश्मीर मुद्दा और आतंकवाद जैसे विषयों पर दोनों देशों के बीच तनाव कई बार उभर चुका है. ऐसे में अक्सर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की बात उठती है, लेकिन भारत लगातार यह साफ करता रहा है कि वह किसी भी तीसरे देश को इसमें शामिल नहीं करेगा.
अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुद यह स्वीकार किया है कि भारत ने इस विषय पर अपना रुख बेहद स्पष्ट कर दिया है.
इशाक डार ने अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने 'जब 10 मई को युद्धविराम का प्रस्ताव आया, तो रुबियो ने मुझसे कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जल्द ही किसी स्वतंत्र स्थान पर बातचीत होगी. जब मैंने उनसे इस बारे में पूछा, तो उन्होंने साफ कर दिया कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूर नहीं करता क्योंकि यह मसला केवल दोनों देशों के बीच का है. डार ने कहा कि पाकिस्तान को इस पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन भारत का रुख काफी सख्त है.
डार ने कहा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए हमेशा तैयार है और किसी भी देश से आने वाले संवाद के प्रस्ताव का स्वागत करेगा. लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान किसी से बातचीत के लिए 'भीख' नहीं मांगेगा. उनके मुताबिक पाकिस्तान शांति चाहता है और मानता है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन जब तक भारत खुद इच्छुक नहीं होगा, तब तक मजबूरी में संवाद संभव नहीं है.
इशाक डार के बयान ऐसे समय में आए हैं, जब पाकिस्तान के कई नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर जोर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मई में संघर्ष विराम समझौता अमेरिकी मध्यस्थता से हुआ. लेकिन भारत ने इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्रंप से फोन पर बातचीत के दौरान साफ कर दिया था कि संघर्ष विराम का फैसला दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संवाद से हुआ था.
भारत ने बार-बार यह दोहराया है कि पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव होगी जब वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करेगा. प्रधानमंत्री मोदी कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते.' भारत का यह स्पष्ट संदेश है कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी संगठनों को पनाह देता रहेगा, तब तक किसी भी तरह का संवाद संभव नहीं है. साथ ही, भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान से सीधी बातचीत का विषय सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और आतंकवाद ही हो सकता है.