जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जोरदार झटका लगा है. पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री के 11 समर्थकों को 9 मई, 2023 को हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सजा सुनाई. इसमें एक मौजूदा सांसद भी शामिल है. अदालत ने आरोपियों को खान की गिरफ्तारी के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के दौरान इस्लामाबाद के रमना पुलिस स्टेशन पर हमला करने का दोषी पाया. जज ताहिर अब्बास सिप्रा ने सामूहिक रूप से 27 साल की सज़ा सुनाई और 3,27,000 पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया.
जज ने सजा सुनाते हुए कहा, 'आप पर इस्लामाबाद के रमना पुलिस स्टेशन पर हमला करने का आरोप है. अगर आप अपने ही पुलिस स्टेशन पर हमला करेंगे तो देश में रहना संभव नहीं रहेगा.' दोषी ठहराए गए लोगों में ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के चित्राल से निर्वाचित नेशनल असेंबली के सदस्य अब्दुल लतीफ भी शामिल हैं. फैसले के बाद उन्हें पांच साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
सजा पाने वाले अन्य लोगों में ज़रियाब खान, मुहम्मद अकरम, मीरा खान, समीओल रॉबर्ट, वज़ीरज़ादा, अब्दुल बासित, शान अली, शाह ज़ैब, मुहम्मद यूसुफ और सोहेल खान शामिल हैं. उन पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, मोटरसाइकिल जलाने और पुलिस कर्मियों पर हमला करने का आरोप लगाया गया था.
इससे पहले, दिसंबर 2024 में सैन्य अदालतों ने 9 मई 2023 को हुए दंगों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हिंसक हमलों में शामिल होने के लिए 85 नागरिकों को दो से 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई थी.
72 वर्षीय खान अगस्त 2023 से जेल में हैं और उन पर कई कानूनी मामले चल रहे हैं. उन्होंने पहले कहा था कि उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है.
पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा था, 'मैं पाकिस्तान का पूर्व प्रधानमंत्री हूं , जेल में मुझे विशेष दर्जा प्राप्त है, फिर भी मुझे आम कैदियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी गईं. मुझे 22 महीने तक एक ऐसी कोठरी में रखा गया जो चक्की से भी बदतर है. इस बीच, इस देश में चोरों - शरीफों और जरदारी - को वीआईपी कोठरियों में रखा जाता है जो लक्जरी सुइट्स जैसी होती हैं . '
खान ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों से बात करने की अनुमति नहीं दी गई तथा उनकी बहनों को उनसे मिलने का अधिकार नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, 'किसी अज्ञात कारण से, मुझे पिछले ढाई महीने से नई किताबें पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है - केवल वे किताबें पढ़ने की अनुमति है जिन्हें मैंने पहले ही पढ़ लिया है. मैं एक राजनीतिक पार्टी का प्रमुख हूं, फिर भी मेरी पार्टी के सदस्यों को मुझसे मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है - जबकि अदालत ने उन्हें मुझसे मिलने की अनुमति दी है.'