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India Daily

एक दिन में पलटा पाकिस्तान, पहले ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किया नामित, अब बताया भूल

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर रविवार तड़के किए गए हवाई हमलों ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से असहज स्थिति में डाल दिया है. फोर्डो, नतांज और इस्फहान में ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों ने शहबाज शरीफ सरकार को मजबूर किया कि वह एक बयान जारी कर अमेरिका की आलोचना करे.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर रविवार तड़के किए गए हवाई हमलों ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से असहज स्थिति में डाल दिया है. यह हमले महज 24 घंटे पहले इस्लामाबाद द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के आश्चर्यजनक फैसले के बाद हुए. फोर्डो, नतांज और इस्फहान में ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों ने शहबाज शरीफ सरकार को मजबूर किया कि वह एक बयान जारी कर अमेरिका की आलोचना करे, जिसमें इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन बताया गया.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की इस निंदा से पहले देश के भीतर शहबाज सरकार के नोबेल पुरस्कार नामांकन के समय और राजनीतिक समझदारी को लेकर तीखी आलोचना शुरू हो चुकी थी. पाकिस्तान की पूर्व राजदूत मलीहा लोधी ने इस कदम को "कूटनीतिक असंगति का सबसे खराब उदाहरण करार देते हुए कहा, आप एक दिन किसी व्यक्ति को शांति के लिए प्रशंसा नहीं कर सकते और अगले ही दिन उसके द्वारा आदेशित बमबारी पर चुप नहीं रह सकते.

लोधी की यह टिप्पणी पाकिस्तान के उस फैसले पर थी, जिसमें शनिवार को इस्लामाबाद ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की घोषणा की थी. सरकार ने मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष को "रोकने" में ट्रम्प की भूमिका का हवाला दिया था. अधिकारियों ने ट्रम्प और पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बीच व्हाइट हाउस में हुई दुर्लभ मुलाकात और नई दिल्ली के साथ कथित तौर पर एक गुप्त संचार चैनल को "प्रभावी अमेरिकी हस्तक्षेप" के सबूत के रूप में प्रस्तुत किया.

ट्रम्प की भूमिका पर सवाल

पाकिस्तान का दावा है कि ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसके लिए भारत ने सीमा पार के आतंकी ठिकानों को जिम्मेदार ठहराया. भारत ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी शिविरों पर हमले किए. जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने इन्हें नाकाम कर दिया. 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम हुआ.