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India Daily

तहस-नहस दिखा नूर खान एयरबेस, नई सैटेलाइट इमेज में दिखी सच्चाई

नूर खान में साब एरीये एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम, सी-130 ट्रांसपोर्टर और आईएल-78 रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियां हैं. ये निगरानी, ​​रसद और हवाई समन्वय के लिए महत्वपूर्ण हैं, खासकर सीमा पार ऑपरेशन में. यह बेस पाकिस्तान के ड्रोन युद्ध अभियानों के लिए केंद्रीय है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Noor Khan airbase
Courtesy: Social Media

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में भारी नुकसान पहुंचाया. कई एयरबेस तहस-नहस हो गए. सबसे ज्यादा  नूर खान एयरबेस को नुकसान हुआ. नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि न केवल दो विशेष प्रयोजन ट्रक, बल्कि भारत के हमले के स्थान के पास एक पूरा परिसर नष्ट हो गया.

इंटेल लैब द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज से परिसर का नजारा खंडर की तरह दिख रहा है. डेमियन सिमॉन द्वारा एक्स नेटवर्क पर पोस्ट की गई एक पोस्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस की समीक्षा से पता चलता है कि भारत के हमले के स्थान के पास का पूरा परिसर अब ध्वस्त हो चुका है. 

पहले जारी की गई समीक्षाओं और उपग्रह चित्रों के अनुसार, 8 से 10 मई के बीच पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए सटीक हमलों से वहां के बुनियादी ढांचे और जमीनी सहायता वाहन नष्ट हो गए थे. नूर खान एयरबेस पर भारतीय हमला - जो रावलपिंडी में स्थित है और पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के करीब है. 

नूर खान में साब एरीये एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम, सी-130 ट्रांसपोर्टर और आईएल-78 रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियां हैं. ये निगरानी, ​​रसद और हवाई समन्वय के लिए महत्वपूर्ण हैं, खासकर सीमा पार ऑपरेशन में. यह बेस पाकिस्तान के ड्रोन युद्ध अभियानों के लिए केंद्रीय है.

इस एयरबेस का इस्तेमाल भारत को निशाना बनाने वाले तुर्की निर्मित बायरकटर टीबी2 और स्वदेशी शाहपार-आई ड्रोन को लॉन्च करने के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल उच्च श्रेणी के पायलटों को प्रशिक्षित करने और राष्ट्रपति विमान जैसे वीआईपी बेड़े की मेजबानी के लिए भी किया जाता है.