India US Relations: अमेरिकी रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने भारत सरकार से अपील की है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूसी तेल को लेकर उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से ले. हेली ने शनिवार को कहा कि चीन का सामना करने के लिए अमेरिका को भारत की जरूरत है और इसके लिए दोनों देशों के बीच मतभेदों को बातचीत से सुलझाना आवश्यक है.
हेली, जो संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रह चुकी हैं, उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया की दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्तियां हैं और दशकों से चले आ रहे दोस्ताना संबंध मौजूदा चुनौतियों को पार करने की मजबूत नींव प्रदान करते हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'भारत को ट्रंप के रूसी तेल पर उठाए गए मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और व्हाइट हाउस के साथ मिलकर समाधान खोजना चाहिए. जितनी जल्दी उतना अच्छा होगा.'
India must take Trump's point over Russian oil seriously, and work with the White House to find a solution. The sooner the better.
Decades of friendship and good will between the world's two largest democracies provide a solid basis to move past the current turbulence.…— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 23, 2025Also Read
निक्की हेली ने आगे कहा कि व्यापार विवाद और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दे कठिन बातचीत की मांग करते हैं, लेकिन इन चुनौतियों को साझा लक्ष्यों के सामने आड़े नहीं आने देना चाहिए. उनके मुताबिक, चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका को भारत जैसा दोस्त चाहिए.
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कड़े शुल्क लगाए हैं. भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा रहा है, जो अब तक के सबसे बड़े दंडात्मक शुल्कों में से एक है. इनमें से 25 प्रतिशत शुल्क पहले से लागू है और बाकी 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू हो जाएगा. भारत ने अपनी ऊर्जा नीतियों का बचाव किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को स्पष्ट किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हित और रणनीतिक स्वायत्तता के आधार पर ही निर्णय लेता रहेगा. उन्होंने कहा कि भारत पर रूसी तेल आयात को लेकर सवाल उठाए जाते हैं, जबकि चीन, जो सबसे बड़ा आयातक है, उस पर ऐसी आलोचना नहीं होती.
जयशंकर ने कहा, 'इसे तेल का मुद्दा बनाकर पेश किया जा रहा है, लेकिन इसे सबसे बड़े आयातक चीन पर लागू नहीं किया गया. अंत में हम वही निर्णय लेंगे जो राष्ट्रीय हित में होगा.' यह विवाद ऐसे समय में हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक ऊर्जा बाजार में तनाव है और भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, अमेरिका चाहता है कि भारत उसके साथ खड़ा होकर चीन और रूस पर दबाव बनाए.