नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच शूटिंग की घटना के कुछ ही घंटों बाद एक और गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है. साउथ वेस्टर्न सिडनी के नरेलन इलाके में स्थित मुस्लिम कब्रिस्तान में सुअर के कटे हुए सिर फेंक दिए गए. यह घटना उस समय सामने आई जब बोंडी बीच में हुई गोलीबारी में 15 लोगों की मौत ने पूरे देश को हिला दिया था.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह घटना रिचर्डसन रोड स्थित कब्रिस्तान के मुस्लिम सेक्शन के प्रवेश द्वार पर हुई. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस के बयान में कहा गया कि अधिकारियों ने घटनास्थल पर कई सुअर के सिर पाए. इसके बाद तुरंत जांच शुरू की गई. पुलिस ने बताया कि सुअर के सिर हटा दिए गए हैं और उन्हें उचित तरीके से नष्ट किया गया है. मामले की जांच अभी जारी है.
Pig heads thrown by Jewish community on MUSLIM GRAVES near Bondi Beach
— Abu Gaza 🇵🇸 (@AbbakarAffan) December 15, 2025
This is how they thank us for saving them. May Allah bless Ahmed for saving humanity. pic.twitter.com/ZPSdIaXwg7
इस घटना की कड़ी निंदा एलएमए इस्लामिक फ्यूनरल सर्विस के डायरेक्टर अहमद हरैची ने की. अहमद हरैची सोशल मीडिया पर 'द मुस्लिम अंडरटेकर' के नाम से भी जाने जाते हैं. उन्होंने कब्रिस्तान का वीडियो साझा करते हुए इस कृत्य को पूरी तरह से बेवकूफी बताया. उन्होंने कहा कि इस हरकत से नफरत के अलावा कुछ भी साबित नहीं होता है.
अहमद हराइची ने कहा कि कब्रों में दफन लोग हाल की घटनाओं से बहुत पहले गुजर चुके थे. उनका मौजूदा हालात से कोई लेना देना नहीं है. कब्रें हर धर्म और हर इंसान के लिए सम्मान और शांति की जगह होती हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी को शांति चाहिए तो यह तरीका नहीं है. अगर किसी को न्याय चाहिए तो यह रास्ता नहीं है. इस तरह की हरकतें सिर्फ गुस्सा, दर्द और विभाजन को बढ़ाती हैं.
बोंडी बीच शूटिंग मामले में पुलिस ने बताया कि इसमें एक मुस्लिम पिता और पुत्र की भूमिका सामने आई है. 50 साल के पिता की मौत हो चुकी है, जबकि 24 साल का बेटा घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती है. पिता 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आए थे और बेटा ऑस्ट्रेलिया में ही जन्मा था. दोनों के पास पिछले दस साल से वैध गन लाइसेंस था और उन्होंने कानूनी रूप से छह हथियार जमा किए थे.
इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने गन कानूनों को और सख्त करने का प्रस्ताव रखा है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि लाइसेंसधारी व्यक्ति कितनी बंदूकें रख सकता है, इस पर सीमा लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लोगों की परिस्थितियां समय के साथ बदल सकती हैं और कट्टरता भी धीरे धीरे बढ़ सकती है. इसलिए गन लाइसेंस को स्थायी नहीं माना जा सकता.