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चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भी क्यों असफल हुआ जापान? कुछ ही घंटों में काम करना बंद कर देगा लैंडर, जानें वजह

Japan Moon Mission Moon Sniper: अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद चांद पर पहुंचने वाला जापान 5वां देश बन चुका है. लेकिन जापान चंद्रमा पर पहुंचकर भी कामयाब नहीं हो पाया?

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Gyanendra Tiwari

हाइलाइट्स

  • जापान ने चांद पर की सफल लैंडिंग
  • लैंडर में लगे सोलर सेल नहीं बना पा रहा बिजली

Japan Moon Mission Moon Sniper: भारत ने पिछले साल अगस्त में चांद पर चंद्रयान-3 को उतारकर इतिहास रच दिया था. उसी कड़ी में अब जापान भी शामिल हो गया. जापान को मून मिशन में बड़ी सफलता मिली है. शुक्रवार को उसने चांद पर सपल लैंडिंग कर ली. जपानी अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने उसके मून मिशन 'मून स्नाइपर' के सफलतापूर्वक लैंड करने की खबर दी है. अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद चांद पर पहुंचने वाला जापान 5वां देश बन चुका है. लेकिन जापान चंद्रमा पर पहुंचकर भी कामयाब नहीं हो पाया? उसने भले ही चांद पर अपने मिशन को लैंड करा दिया लेकिन उसका मिशन आगे काम नहीं कर पाएगा? आइए जानते हैं कि आखिर चांद पर पहुंच कर भी जापान 'फेल' क्यों हो सकता है.  

इस कारण मिशन हो सकता है फेल
जापना के रोबोटिक स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग द मून आगे काम नहीं कर पाएगा क्योंकि उसके पास बिजली नहीं बची है. लैंडर में लगे सोलर सेल बिजली नहीं पैदा कर पा रहे हैं. जापानी स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिकों ने बाताया है कि मून मिशन के लैंडर में लगे सोलर मिशन में कुछ दिक्कत आ गई है. जितनी बिजली कैसे बनानी चाहिए यह बना नहीं पा रहा है. लैंडर लिमिटेड बैटरी पर ही आपेरट कर रहा है. इतनी बिजली है कि लैंडर कुछ घंटे तक ही काम कर सकता है.

लैंडर से मिल रहा है सिग्नल
JAXA के वैज्ञानिक इस मामले की जांच कर रहे हैं. एजेंसी ने कहा है कि उन्हें लैंडर से सिग्नल मिल रहा है जो कि उम्मीद के अनुसार ही काम कर रहा है. सोलर सेल में हुई दिक्कत का पता लगाया जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया में वैज्ञानिकों ने बताया कि लग रहा है कि स्पेसक्राफ्ट को जिस दिशा में जाना चाहिए था वह उस दिशा में नहीं गया.

वैज्ञानिकों ने जताई संभावना
खबर लिखे जाने तक मिली जानकारी के मुताबिक कुछ घंटो तक लैंडर काम करता रहेगा. जापानी वैज्ञानिक सोलर सेल में आई खराबी का पता लगा रहे हैं. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जांच सफल हो हो सकती है. सूर्य और सोलर पैनल के बीच सही कोण नहीं बनने के साथ सोलर सेल बिजली उत्पन्न कर सकता है. लेकिन यह निश्चित नहीं है कि कब तक ऐसा हो पाएगा.बस ऐसी उम्मीद ही की जा रही है. 

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