Maldives Foreign Minister Moosa Zameer: मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर इस समय भारत के दौरे पर हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत से पहले चीन जाने वाली यात्रा को लेकर कहा कि उन्होंने (मुइज्जू) सुविधानुसार चीन की यात्रा की थी न की जियोपॉलिटिकल झुकाव के चलते. उन्होंने चीनी सेना को लेकर भी कहा कि मालदीव की किसी विदेशी सेना को अपने देश में रखने की कोई योजना और न ही कोई उद्देश्य है.
उन्होंने कहा कि एक मालदीव के राष्ट्रपति कह चुके हैं कि हम अपने देश में विदेशी सेना को नहीं रखने वाले हैं. राष्ट्रपति ने चीन के साथ-साथ तुर्किये की भी यात्रा की थी. मेरे ख्याल से वो यात्रा जियोपॉलिटिकल उद्देश्य से नहीं की गई थी. उनकी यात्रा उनकी सुविधानुसार थी. राजनीतिक हित के लिए उनकी यात्रा नहीं थी. हमने तो दिल्ली की यात्रा करने पर चर्चा की थी. लेकिन दोनों ओर की सुविधाओं को देखते हुए हमने सोचा कि इसमें थोड़ी देर होगी तो हमारे लिए कोई दिक्कत नहीं होगी.
विदेश मंत्री मूसा ने आगे बताया कि राष्ट्रपति मुइज्जू के दिल्ली आने के लिए चर्चा की जा रही है. मूसा जमीर ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को लिए भारत के आर्थिक सहोयग पर भी बात कही. उन्होंने भारत की ओर से भेजी गई सहायता को स्वीकारते हुए उसे रेखांकित किया.
हिंद महासागर में एक प्रमुख भागीदार के रूप में मालदीव की भूमिका के बारे में जमीर ने भारत और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के साथ मिलकर शांति और सुरक्षा की प्रतिबद्धता भी दोहराई.
चीन जहाजों को लेकर मूसा जमीर ने कहा कि बंदरगाह को लेकर हमने व्यक्तिगत रोटेशन और मैत्रीपूर्ण पोर्टेबल परमिट जारी किए, और चीनी पक्ष से राजनयिक मंजूरी मिली, जो मालदीव में बहुत आम है. लेकिन वो मालदीव समुद्री क्षेत्र में नहीं आ रहा है. हमने चीन जहाज को मालदीव के जलक्षेत्र में अनुसंधान के लिए आने की अनुमति नहीं दी है.
भारत के खिलाफ मालदीव की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का ऐसा रुख हो ही नहीं सकता है. ऐसा दोबारा न हो इसके लिए हमने उचित कार्रवाई भी की है. सोशल मीडिया के जरिए गलतफहमी पैदा हुई है. मालदीव और भारत सरकार इस मुद्दे को समझती है कि क्या हुआ था. और हम उस चीज को पीछे छोड़ चुके हैं.
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