China News: लैटिन अमेरिकी देश निकारगुआ ने चीनी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. चीन ने दरअसल लैटिन अमेरिकी देशों में अपनी पहुंच को स्थापित करने के लिए अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ने वाली एक नहर बनाने की योजना बनाई थी. निकारगुआ ने बीजिंग की इस योजना को रद्द कर दिया है. निकारगुआ के इस फैसले के कारण चीन के कथित सर्वमान्य नेता शी जिनपिंग की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, निकारगुआ के पूर्व में अटलांटिक महासागर है. वहीं, उसके पश्चिम में प्रशांत महासागर है. इन दोनों को जोड़ने के लिए ही चीन ने निकारगुआ में एक नहर के निर्माण का सुझाव दिया था. आलोचकों ने इस चीनी प्रोजेक्ट के कई दुष्प्रभाव निकारगुआ सरकार को बताए थे. विशेषज्ञों का कहना था कि चीन के नहर बनाने से निकारगुआ को बड़े पैमाने पर पर्यावरण हानि होती साथ ही भारी तादाद में विस्थापित होने की आशंका थी. इसलिए निकारगुआ सरकार ने चीन की इस विवादास्पद योजना को नकार दिया है.
इससे पहले साल 2014 में चीन द्वारा बनाए जाने वाली इस नहर योजना का शिलान्यास हो गया था लेकिन इस पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया था. हजारों किसानों ने इस योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी जताया था. जानकारों का कहना है कि चीन यदि इस योजना का काम पूरा कर लेता तो पनामा नहर इससे काफी पीछे रह जाती. इन दोनों महासागरों के बीच जाने का रास्ता पनामा नहर से होकर जाता है. निकारगुआ नहर की लंबाई प्रस्तावित रूप से 172 मील थी. इसके निर्माण पर चीन 50 अरब डॉलर का खर्च करना चाहता था.
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