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भारत ने पाकिस्तान को कर दिया तार-तार, बौखलाए 'आतंकिस्तान' ने हिंदुस्तान को किया कॉपी, विदेश भेजेगा प्रतिनिधिमंडल

पाकिस्तान ने सोमवार, 2 जून 2025 को अपनी वैश्विक राजनयिक रणनीति का खुलासा किया. इसके तहत दो प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग दिशाओं में भेजे जा रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Like India Pakistan will also send its delegation abroad Operation Sindoor Pahalgam Attack

भारत के बाद अब पाकिस्तान ने भी वैश्विक मंच पर अपनी बात रखने के लिए राजनयिक प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है. यह कदम भारत की उस कूटनीतिक रणनीति की नकल है, जिसमें भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ठिकानों पर हमला किया और फिर 33 देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे. पाकिस्तान अब अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों में अपनी बात रखने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटा सके.

पाकिस्तान ने सोमवार, 2 जून 2025 को अपनी वैश्विक राजनयिक रणनीति का खुलासा किया. इसके तहत दो प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग दिशाओं में भेजे जा रहे हैं. पाकिस्तान का कहना है कि ये दल भारत-पाकिस्तान के बीच समस्याओं को बातचीत से हल करने की जरूरत पर जोर देंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय संगठनों, नेताओं, अधिकारियों, सांसदों, थिंक टैंक्स, मीडिया और प्रवासी पाकिस्तानियों से मुलाकात करेंगे.

बिलावल भुट्टो की अगुवाई में पहला दल

पाकिस्तान का पहला प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स जाएगा. इस नौ सदस्यीय दल की अगुवाई पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं. इस दल में संघीय मंत्री मुसादिक मलिक, पूर्व विदेश मंत्रियों हिना रब्बानी खार और खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व मंत्रियों सैयद फैसल अली सुब्जवारी और शेरी रहमान, सीनेटर बुशरा अंजुम बट, और दो पूर्व विदेश सचिव जलिल अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ शामिल हैं.

दूसरा दल मॉस्को की ओर

पाकिस्तान का दूसरा प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सैयद तारिक फातिमी की अगुवाई में मॉस्को जाएगा. इस दल के सदस्यों की जानकारी साझा नहीं की गई है. दोनों दल भारत के हालिया सैन्य हमलों को "आक्रामकता" बताकर पाकिस्तान का पक्ष रखेंगे और सिंधु जल संधि को फिर से शुरू करने की मांग उठाएंगे.

पहलगाम हमले से शुरू हुआ तनाव

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बयसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया. इस कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों को निशाना बनाया गया.

पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और युद्धविराम

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया. 10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति बनी. हालांकि, दोनों देश एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाते रहे.

भारत की कूटनीतिक जीत

भारत ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी बात वैश्विक मंच पर रखने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजे. इन दलों में शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, कनिमोझी, और अन्य सांसद शामिल थे, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस के संदेश को लेकर गए. भारत ने साफ किया कि पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर जरूरी था और यह केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित था.