ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने गुरुवार (19 जून, 2025) को कहा कि इजरायल के "अमेरिकी मित्रों" का युद्ध में प्रवेश "ज़ायोनी शासन की कमजोरी और अक्षमता" को दर्शाता है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "यह तथ्य कि ज़ायोनी शासन के अमेरिकी मित्र मैदान में उतरे हैं और ऐसी बातें कर रहे हैं, यह उस शासन की कमजोरी और अक्षमता का संकेत है."
जीत केवल अल्लाह, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञानी से आती है
खामेनेई ने एक अन्य पोस्ट में कहा, "मैं अपने प्रिय राष्ट्र से कहना चाहता हूं कि यदि दुश्मन को लगता है कि आप उनसे डरते हैं, तो वे आपको छोड़ेंगे नहीं. आप अपने अब तक के व्यवहार को उसी तरह जारी रखें; इस व्यवहार को ताकत के साथ बनाए रखें." उन्होंने अगले ट्वीट में कुरान (3:126) का हवाला देते हुए कहा, "और जीत केवल अल्लाह, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञानी से आती है. और सर्वशक्तिमान अल्लाह निश्चित रूप से, निस्संदेह ईरानी राष्ट्र, सत्य और सही पक्ष को जीत प्रदान करेगा, इंशाल्लाह."
ट्रम्प की आत्मसमर्पण की मांग ठुकराई
खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की "बिना शर्त आत्मसमर्पण" की मांग को खारिज कर दिया. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उन्होंने टेलीविज़न संबोधन में कहा, "जो लोग ईरान, उसके राष्ट्र और इतिहास को जानते हैं, वे इस राष्ट्र से कभी धमकी की भाषा में बात नहीं करेंगे, क्योंकि ईरानी राष्ट्र को आत्मसमर्पण नहीं किया जा सकता." उन्होंने पहले भी चेतावनी दी थी, "अमेरिकियों को पता होना चाहिए कि कोई भी अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप निश्चित रूप से अपूरणीय क्षति के साथ होगा."
ट्रंप बोलो- कोई नहीं जानता मैं क्या करने वाला हूं
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका अभी भी इजरायल के ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान में शामिल होने पर विचार कर सकता है, और बोले, "कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने वाला हूं." हालांकि, दोनों देशों के अधिकारियों ने कूटनीतिक बातचीत के लिए मिश्रित संकेत दिए. ट्रम्प ने दावा किया कि ईरान ने संभावित वार्ता के लिए संपर्क किया है और कहा, "परमाणु समझौते के लिए कुछ भी देर नहीं हुआ."