नई दिल्लीः इजरायल की संसद ने सोमवार को नेतन्याहू के न्यायिक सुधार को लेकर पेश किए गए बिल को मंजूरी दे दी. यह बिल सरकार के निर्णयों पर न्यायालय के अंकुश को रोकता है.इजरायली संसद से पास यह बिल पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के देश में लॉ सिस्टम को नए सिरे से आकार देने का महत्वपूर्ण हिस्सा है. संसद में इस बिल के पक्ष में 64 वोट पड़े और विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. विपक्ष ने बिल का विरोध करते हुए सदन में मतदान से बहिष्कार का रास्ता चुना.
बिल में नहीं हो सका संशोधन
हजारों लोग विरोध में सड़कों पर
इजरायली सरकार की ओर से लाए गए इस बिल को लेकर इजरायली जनता सड़कों पर उतरकर इस न्यायिक सुधार बिल का विरोध कर रही है. इस बिल के पास हो जाने से सरकार के निर्णयों और मंत्रियो के फैसलों की तर्कसंगतता पर सुप्रीम कोर्ट की शक्ति को कम कर दिया गया है. इससे पहले कोर्ट सरकारी निर्णयों की न्यायिक समीक्षा कर उन्हें संशोधित करने या रद्द करने का आदेश जारी कर सकता था. साथ ही सरकारी फैसलों पर रोक लगा सकता था.
बाइडेन ने दी थी सलाह
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम नेतन्याहू के द्वारा लाए जा रहे न्यायिक सुधार बिल को लेकर सलाह दी थी. जिसमें उन्होंने आग्रह किया था सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों को कम न किया जाए. ऐसा होने पर लोकतंत्र की मूल भावना सवालों के दायरे में आती है.