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India Daily

मॉस्को पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, भारत और रूस रिश्तों पर कह दी ये बात

Jaishankar Moscow Visit:भारत और रूस के शीर्ष नेताओं के बीच सालाना होने वाले शीर्ष सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
Jaishnkar

हाइलाइट्स

  • दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष करते हैं एक-दूसरे के यहां यात्रा
  • भारत के रुख से पश्चिमी देशों में है बेचैनी

Jaishankar Moscow Visit:भारत और रूस के शीर्ष नेताओं के बीच सालाना होने वाले शीर्ष सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं.इस बीच मॉस्को के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने से पहले उन्होंने दोनों देशों के संबंधों पर बड़ा बयान दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए जयशंकर ने कहा कि मैं मॉस्को पहुंच चुका हूं. रूसी नेताओं के साथ होने वाली बातचीत को लेकर आशान्वित हूं. 

दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष करते हैं एक-दूसरे के यहां यात्रा 

भारत और रूस दोनों देश बारी-बारी से इस समिट का आयोजन करते हैं. इसमें भारत के पीएम और रूसी राष्ट्रपति एक-दूसरे के यहां यात्रा करते हैं. दोनों देशों के बीच यह शिखर सम्मेलन 21 बार आयोजित हो चुका है. विदेश मंत्री ने कहा कि भी-राजनीतिक और रणनीतिक आधार दोनों देशों के संबंधों को सकारात्मक आधार प्रदान करता रहेगा. 

प्रमुख रूसी प्रतिनिधियों से की वार्ता 

विदेश मंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा कि उन्होंने रूस के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ खुली और मुक्त प्रभावी बातचीत की. उन्होंने आने वाले समय में भारत और रूस के संबंध किस प्रकार विकसित होंगे इस बात पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इसके अलावा कनेक्टिविटी, बहुपक्षवाद, और क्षेत्रीय संघर्षों पर भी चर्चा की.

लावरोव से भी करेंगे मुलाकात 

रिपोर्ट के मुताबिक, जयशंकर का आर्थिक जुड़ाव से संबंधित मसलों पर रूसी उप प्रधानमंत्री और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव से मिलने का भी कार्यक्रम है. अंर्तराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा के लिए वे अपने रूसी प्रतिनिधि सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करेंगे. 

भारत के रुख से पश्चिमी देश बेचैन

विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की रूस यात्रा से पहले कहा कि बीत रहे समय के साथ भारत और रूस साझेदारी स्थिर और लचीली बनी हुई है. कई पश्चिमी देशों की बढ़ती बेचैनी के बाबजूद भी भारत ने रूस से कच्चे तेल का सस्ती दर पर आयात किया है.