शनिवार को हमास द्वारा इजराइल पर हुए हमलों के बाद वहां फंसे भारतीय छात्रों ने हालातों की स्थिति बयां की. इजराइल और फिलिस्तीन में भारतीय दूतावासों ने अपने सभी नागरिकों "सर्तक रहने" के लिए सलाह दी. छात्रों के अनुसार, हालांकि वे भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं, लेकिन स्थिति बहुत तनावपूर्ण होने के कारण वहां रहने वाले सभी भारतीय घबराए हुए है.
इजराइल में रहने वाले एक भारतीय छात्र गोकुल मनावल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि "मैं बहुत नर्वस और डरा हुआ हुं..शुक्र हैं हमारे आस-पास इजराइल की पुलिस बल मौजुद हैं. हम सब सुरक्षित हैं. हमारे आस-पास एक अच्छी भारतीय कम्युनिटी हैं जिससे हम सब एक दुसरे के संपर्क में है."
एक अन्य छात्र विमल कृष्णसामी मणिवन्न चित्रा ने कहा कि "हमला बहुत तनावपुर्ण और डरावना था" लेकिन भारतीय एंबेसी पूरी तरह से हमारे टच में है.
हमले के समय अपनी स्थिति साझा करते हुए एक छात्र आदित्य करुणानिधि निवेदिता ने कहा, "यह सब बहुत अचानक हुआ, हमें इसकी उम्मीद नहीं थी. क्योंकि इजराइल में छुट्टियां चल रही हैं. हमें सुबह-सुबह करीब साढ़े पांच बजे सायरन मिला. हम लगभग 7-8 घंटों तक बंकरों में थे. सायरन बजता रहा और हमें अपने घरों में रहने के लिए गया था."
इजराइल में हिब्रू विश्वविधालय में पढ़ने वाले एक छात्र के अनुसार वे अपने हॉस्टल में रह रहे हैं. कॉलेज द्वारा ही उन्हें हॉस्टल उपलब्ध कराया जा रहा है. पिछले 18 वर्षों से इजराइल में जॉब कर रही एक भारतीय नागरिक सोमा रवि ने साचार एजेंसी पीटीआई को बाताया, "आज बहुत कठिन दिन था, हमने अपने सामने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखीं है."
20 मिनट के भीतर 5,000 रॉकेट दागे गए और हमास आतंकवादियों ने 22 लोगों को मार डाला जबकि 500 घायल हो गए. यह इजराइल के लिए कठिन स्थिति बन गई है. शनिवर की सुबह अचनाक से हुए, हमास के दर्जनों आतंकवादी गाजा पट्टी और पास के इजरायली शहरों में घुस गए, और कई लोगों की हत्या कर दी गई और कुछ लोगों का अपहरण करने की बात भी सामने आई है.
इजरायली मीडिया के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यह सबसे घातक हमलों मे से एक है जिसमें 300 लोग मारे गए है और 1,500 से अधिक घायल हुए हैं. इसी बीच स्वास्थय मंत्रालय ने कहा है कि गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में कम से कम 232 लोग मारे गए हैं और लगभग 1,700 लोग घायल हु हैं.
हमास के सैन्य कमांडर मुहम्मद अल दाइफ ने हमले को "ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म" नाम दिया है और कहा है कि यह हमला इजराइल द्वारा, फिलिस्तीन की महिलाओं पर हमला और यरूशलेम की अल-अक्सा मस्जिद के अपमान और गाजा की चल रही घेराबंदी की जवाब था.
यरुशलम में भारतीय दूतावास और फिलिस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने शनिवार को एडवाइजरी जारी कर संबंधित देशों में भारतीय नागरिकों को "सर्तक रहने" और आपात स्थिति में सीधे कार्यालय से संपर्क करने को कहा है.
इजराइल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इंडियन एबेंसी ने अंग्रजी, हिंदी, तमिल, मराठी, तेलुगु, मलयालम और कन्नड भाषा में एडवाइजरी जारी की है और इजराइल में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे सर्तक रहें और स्थानीय अधिकारियों की एडवाइजरी और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें. कृप्या सावधानी बरतें और अनावश्यक आवाजाही से बचें. सुरक्षित क्षेत्रों के करीब ही रहे. अपातकाल मामले में फोन नंबर भी दिए गए है जिन पर सूचना दे सकते है.
दूतावास की वेबसाइट पर दिए गए डाटा के अनुसार, इजराइल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक रहते हैं. जिनमें मुख्य रूप से हीरा व्यापारी, आईटी पेशेवर और छात्र शामिल हैं. इजराइल में भारतीय मूल के लगभग 8,5000 यहूदी भी रहते है जो पचास और साठ के दशक में भारत से इजराइल जाकर वहां के नागरिक बन गए थे.