इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच, जी7 नेताओं ने स्पष्ट किया है कि इजरायल को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है, जबकि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. सूत्रों के हवाले से एक मसौदा बयान में यह जानकारी सामने आई है. यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मंगलवार को कनाडा के कनानास्किस रिसॉर्ट में जी7 देशों—ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका के साथ यूरोपीय संघ के नेता शिखर सम्मेलन में मिलेंगे. साइप्रस से कनाडा जाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे, जहां इजरायल-ईरान तनाव, इजरायल-हमास युद्ध और यूक्रेन संकट पर चर्चा हो सकती है.
तनाव कम करने की अपील
इजरायल-ईरान सैन्य टकराव
सोमवार तड़के ईरानी मिसाइलों ने इजरायल के प्रमुख शहरों पर हमला किया, जबकि इजरायल ने तेहरान के पश्चिमी सैन्य अड्डे पर जवाबी हमला किया. ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस हमले से हवाई रक्षा प्रणाली सक्रिय हो गई. इजरायली जेट्स ने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग (आईआरआईबी) के मुख्यालय को निशाना बनाया. इजरायल के सैन्य प्रवक्ता ने हमले से पहले तेहरान के एक क्षेत्र में लोगों को निकलने की चेतावनी दी थी.
ईरान का परमाणु रुख
इजरायल ने 13 जून को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' शुरू कर ईरान पर हमले किए, दावा करते हुए कि तेहरान परमाणु बम बनाने की कगार पर है. दूसरी ओर, ईरान ने कहा कि उसकी संसद परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से बाहर निकलने के लिए विधेयक तैयार कर रही है, लेकिन वह सामूहिक विनाश के हथियारों का विरोध करता है. संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए ने पिछले सप्ताह ईरान को एनपीटी दायित्वों का उल्लंघन करने वाला घोषित किया था.