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इजरायल ने किया ईरान के आसमान पर कब्जा: रूस को यूक्रेन में नहीं मिली ऐसी कामयाबी, आखिर क्यों?

इजरायली युद्धक विमानों ने महंगे लंबी दूरी के मिसाइलों के बजाय ईरानी आकाश से बमबारी शुरू कर दी. यह वह उपलब्धि है जो रूस की विशाल वायुसेना को साढ़े तीन साल के यूक्रेन युद्ध में हासिल नहीं कर पाई.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Israel captured Irans skies Russia did not get such success in Ukraine why

इजरायल ने ईरान के खिलाफ युद्ध शुरू करने के 48 घंटों के भीतर पश्चिमी ईरान, जिसमें तेहरान भी शामिल है, के आकाश पर वर्चस्व हासिल कर लिया. इजरायली युद्धक विमानों ने महंगे लंबी दूरी के मिसाइलों के बजाय ईरानी आकाश से बमबारी शुरू कर दी. यह वह उपलब्धि है जो रूस की विशाल वायुसेना को साढ़े तीन साल के यूक्रेन युद्ध में हासिल नहीं कर पाई.

इजरायल की हवाई रणनीति

इजरायल ने रविवार को अपने लाभ का पूरा उपयोग किया. उसने पश्चिमी ईरान में दर्जनों सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को नष्ट किया और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के खुफिया प्रमुख और उनके डिप्टी को मार गिराया. इजरायल ने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ एफ-35 विमानों का उपयोग किया, जो इजरायली संशोधनों से लैस थे. अब, जब ईरान की अधिकांश हवाई रक्षा प्रणालियां निष्क्रिय हो चुकी हैं, एफ-15 और एफ-16 जैसे पुराने विमान भी लड़ाई में शामिल हो रहे हैं. इजरायल ने सस्ते और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जेडीएएम और स्पाइस गाइडेड बमों का उपयोग शुरू किया है. इजरायली सेना के जनरल स्टाफ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल ज़मीर ने कहा, "पिछले 24 घंटों में, हमने तेहरान तक हवाई मार्ग पूरा किया और हवाई उल्लंघन युद्ध किया. हमारे पायलट अपने जीवन को जोखिम में डालकर, इजरायल से सैकड़ों किलोमीटर दूर, सैकड़ों विभिन्न लक्ष्यों पर सटीक हमले कर रहे हैं."

रूस-यूक्रेन युद्ध से तुलना
रूस-यूक्रेन युद्ध में हवाई वर्चस्व की कमी के कारण रूस को भारी नुकसान हुआ और युद्ध खाई युद्ध में तब्दील हो गया. वहीं, इजरायल-ईरान युद्ध में हवाई वर्चस्व ने इजरायल को स्वतंत्र रूप से हमले करने की आजादी दी. सेवानिवृत्त यूएस एयर फोर्स लेफ्टिनेंट जनरल डेविड डेप्टुला ने कहा, "दोनों अभियानों से हवाई वर्चस्व की मूलभूत महत्ता स्पष्ट होती है. रूस-यूक्रेन युद्ध में, जब कोई भी पक्ष हवाई वर्चस्व हासिल नहीं कर सका, तो गतिरोध और घर्षण-आधारित युद्ध हुआ. वहीं, इजरायल-ईरान युद्ध में, यह इजरायल को उन क्षेत्रों में हमला करने की आजादी देता है जहां उनकी हवाई श्रेष्ठता है."

ईरान की रक्षा में चूक
ईरान की हवाई रक्षा प्रणालियां यूक्रेन की तुलना में कमजोर साबित हुईं. ईरान ने हवाई रक्षा पर कम निवेश किया और इसके बजाय अपनी मिसाइल शक्ति और क्षेत्रीय प्रॉक्सी पर भरोसा किया. हालांकि, लेबनान का हिजबुल्लाह, जो ईरान की निवारण रणनीति का हिस्सा था, पिछले साल इजरायल द्वारा नष्ट कर दिया गया. इजरायल ने सीरिया में हवाई रक्षा प्रतिष्ठानों पर बमबारी कर ईरान तक पहुंचने का एक हवाई मार्ग बना लिया.

इजरायल की सफलता का कारण
इजरायल की वायुसेना की संस्कृति, उन्नत प्रशिक्षण, और खुफिया व साइबर क्षमताओं का एकीकरण इसकी सफलता का कारण है. सेवानिवृत्त ब्रिटिश एयर मार्शल एडवर्ड स्ट्रिंगर ने कहा, "रूस के पास केवल पायलट हैं, जो उड़ने वाली तोपखाने को चलाते हैं." इजरायल ने यूक्रेन की तरह आश्चर्य और बेहतर रणनीति का उपयोग किया, जिससे ईरान की सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाया गया.