इजरायल की सेना ने सोमवार को एक बड़ा दावा किया कि उसने ईरान के एक तिहाई सतह से सतह मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है. दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव और हमलों का यह चौथा दिन था. इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी एक बार फिर सुर्खियों में है.
ईरान के 120 सर्फेस टू सर्फेस मिसाइल लॉन्चर नष्ट
इजरायल की सेना ने अपने बयान में कहा कि इस ऑपरेशन में 50 से अधिक लड़ाकू विमानों और अन्य विमानों ने हिस्सा लिया. इन हमलों में ईरान के 120 से ज्यादा सतह से सतह मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट किया गया. सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने एक टेलीविजन बयान में कहा, "हमने ईरानी शासन के पास मौजूद सतह से सतह मिसाइल लॉन्चरों का एक तिहाई हिस्सा नष्ट कर दिया है." यह कार्रवाई इजरायल की सैन्य रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य ईरान की सैन्य क्षमता को कमजोर करना है.
मिडिल ईस्ट में गहरा सकती है अस्थिरता
इजरायल और ईरान के बीच यह ताजा टकराव मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकता है. दोनों देशों के बीच पहले से ही क्षेत्रीय प्रभुत्व और सैन्य शक्ति को लेकर विवाद रहा है. इजरायल का यह हमला ईरान की जवाबी कार्रवाई को उकसा सकता है, जिससे क्षेत्र में और अस्थिरता पैदा हो सकती है.
वैश्विक प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर इस बात पर है कि ईरान इस कार्रवाई का जवाब कैसे देता है. वैश्विक शक्तियां इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश में हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव चिंता का विषय बना हुआ है. इजरायल की इस कार्रवाई ने न केवल ईरान की सैन्य शक्ति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि मध्य पूर्व की भू-राजनीतिक स्थिति को और जटिल कर दिया है.