China-Pakistan Conspiracy to Remove Sheikh Hasina: बांग्लादेश में आरक्षण पर शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला वापस लेने के बाद समाप्ति की ओर देखा जा रहा था, हालांकि रविवार 4 अगस्त की शाम को यह हिंसा एक बार फिर भड़क गई और विरोध प्रदर्शन इतना तेज हो गया है कि पीएम शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा.
इस बीच सीएनएन-न्यूज18 की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में भड़की हिंसा के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई शेख हसीना को हटाकर भारत विरोधी सरकार स्थापित करना चाहती है और इसी उद्देश्य को ध्यान रखते हुए उसने बांग्लादेश में तनाव पैदा करने के लिए छात्रों का इस्तेमाल किया है. सूत्रों के अनुसार हसीना को हटाने के लिए आईएसआई के स्लीपर सेल ढाका में पूरे समय काम कर रहे हैं.
सूत्रों ने कहा, 'आईएसआई ढाका में संकट को बढ़ाने के लिए जमात, उनके स्टूडेंट्स विंग और स्टूडेंट्स कैंप का इस्तेमाल कर रही है. जमात को पाकिस्तान के बहुत करीब माना जाता है और समय-समय पर उन्हें सीक्रेट फंडिंग दी जाती थी. उन्हें ढाका में पाकिस्तान मिशन से नियमित रूप से ब्रीफिंग और निर्देश मिलते रहते हैं.वे चाहते हैं कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सत्ता में आए और पाकिस्तान का समर्थन करे.'
हाल ही में पाकिस्तानी मिशन्स की ओर से एक अजीब कदम उठाया गया जो आमतौर पर राजनायिक दूतावासों की ओर से लेते हुए नहीं देखा जाता है. पाकिस्तानी दूतावासों ने बांग्लादेश में छात्रों से कहा था कि वे जरूरत पड़ने पर वहां शरण ले सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई का मानना है कि बांग्लादेश की आवामी लीग सरकार जिसने इसी साल हुए चुनावों में जीत हासिल कर फिर से सरकार बनाई थी उसे भारत का समर्थन मिला है और पड़ोस के इस हिस्से में हलचल पैदा करने के लिए इसका हटाया जाना जरूरी है. बांग्लादेश में हलचल भारत के लिहाज से भी काफी मायने रखता है क्योंकि इससे भारत में घुसपैठ करने के कई एंट्री प्वाइंट मिलते हैं.
रिपोर्ट में बात करते हुए सूत्रों ने दावा किया है कि बांग्लादेश में अशांति पैदा करने के लिए आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर में अपनाई गई अपनी पुरानी रणनीति को ही फिट किया है. इसमें वे अशांति, हत्या और आतंकवाद को भड़काते हैं ताकि दुनिया का ध्यान उनकी ओर जाए. एक बार जब यह हासिल हो जाता है, तो वे एक न्यूट्रल सरकार और संयुक्त राष्ट्र द्वारा फिर से चुनाव चाहते हैं. अभी न्यूट्रिलिटी का मतलब हसीना को बलपूर्वक या अंतर्राष्ट्रीय दबाव के जरिए हटाना और फिर चुनाव कराना है. मौजूदा विचार केवल बीएनपी और जमात के नेतृत्व में एक नई सरकार बनाने का है.
रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई के पास बहुत पैसा है और वह बांग्लादेश में एक पारंपरिक निवेशक है. उनके पास बड़ी संख्या में संपत्ति और स्रोत हैं जो हलचल पैदा करने के लिए तैयार हैं. वे स्टूडेंट्स विंग के छात्रों की खराब हालत का दुरुपयोग कर रहे हैं. बांग्लादेश में छात्र आंदोलन असाधारण रूप से मजबूत है, ढाका विश्वविद्यालय 1971 के मुक्ति आंदोलन सहित कई विद्रोहों का केंद्र रहा है.
हिंदुओं पर हमले से साफ संकेत मिलता है कि भारत विरोधी भावनाएं पैदा करने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है. अगर इस पर काबू नहीं पाया गया तो अगला चरण आतंकी गतिविधियों की शुरुआत है. वहीं इस पूरे मामले में चीन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, लेकिन हसीना के साथ उनके अच्छे व्यापारिक संबंध हैं जिसके चलते माना जा रहा है कि वो सीधे तौर पर इसमे भाग न लेकर पाकिस्तान के जरिए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं.
पिछले महीने ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 4 दिवसीय चीन यात्रा पर पहुंची थी हालांकि बीजिंग की ओर से 5 बिलियन डॉलर के आर्थिक लोन की सहायता को घटाकर महज 100 मिलियन डॉलर करने की वजह से वो एक दिन पहले ही अपनी यात्रा को खत्म कर ढाका लौट आई थी. जियो पॉलिटिकल पर्यवेक्षकों की मानें तो बीजिंग ने यह कदम शेख हसीना की चीन से यात्रा से पहले दो बार की गई इंडिया विजिट से नाराज होकर उठाया था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हसीना को पर्याप्त मीडिया कवरेज नहीं दिया गया, जो कि एक दुर्लभ बात है क्योंकि सरकारी चीनी मीडिया यात्रा करने वाले नेताओं को प्रमुखता से पेश करता है. वहीं बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की बात करें तो उसे चीन के ज्यादा नजदीकी माना जाता है, ऐसे में अगर शेख हसीना हट जाती हैं तो इंडिया से बांग्लादेश की बढ़ती करीबी पर भी अंकुश लगाया जा सकता है.
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति की बात करें तो शेख हसीना के भाग जाने के बाद सोमवार को उनके महल पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया, जो एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नतीजा था. सोमवार की सुबह ढाका की सड़कों पर उत्साहित भीड़ ने झंडे लहराए, कुछ लोग टैंक के ऊपर नाच रहे थे, इससे पहले सैकड़ों लोग हसीना के आधिकारिक आवास के दरवाजे तोड़कर अंदर घुस गए. अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चा के बीच वह सोमवार को भारत पहुंचीं तो सेना ने साफ किया कि फिलहाल बांग्लादेश में वो अंतरिम सरकार बनाने जा रही है.