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India Daily

Indus Waters Treaty: अब आया लाइन पर! सिंधु जल समझौते पर बिलबिलाने लगा पाक, प्यास से गला सूखा तो भारत के सामने टेके घुटने

Indus Waters Treaty: भारत के सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के निलंबन पर पाकिस्तान ने पुनर्विचार करने की अपील की है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया.

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Edited By: Babli Rautela
Indus Waters Treaty
Courtesy: Social Media

Indus Waters Treaty: पाकिस्तान ने भारत से सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के निलंबन पर पुनर्विचार करने की अपील की है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया. पत्र में कहा गया है कि संधि का निलंबन पाकिस्तान में संकट पैदा कर सकता है, क्योंकि लाखों लोग इस जल पर निर्भर हैं. इस कदम को पाकिस्तान ने 'अपने लोगों और अर्थव्यवस्था पर हमला' बताया.

भारत ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह कदम उठाया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए. हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने संधि को निलंबित करने का फैसला लिया. मोदी ने कहा, 'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.' 

क्या है सिंधु जल संधि?

1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस संधि के तहत पूर्वी नदियां (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को और पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को दी गईं. यह संधि दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सिंधु नदी प्रणाली उनकी कृषि और जल आपूर्ति का आधार है. पाकिस्तान की 80% कृषि और 25% जीडीपी इस जल पर निर्भर है.

संधि के निलंबन से पाकिस्तान पर असर

संधि के निलंबन से पाकिस्तान की कृषि को तत्काल नुकसान नहीं होगा, क्योंकि भारत के पास अभी पानी रोकने की पूरी क्षमता नहीं है. हालांकि, भारत अब जल प्रवाह डेटा साझा नहीं करेगा, जिससे पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी और सिंचाई योजना में दिक्कत होगी. भविष्य में, भारत नई परियोजनाएँ शुरू कर सकता है, जो पाकिस्तान के जल प्रवाह को प्रभावित करेंगी. पाकिस्तानी किसानों में डर है कि पानी की कमी से उनकी फसलें बर्बाद हो सकती हैं.

भारत ने पाकिस्तान की अपील पर कोई टिप्पणी नहीं की. सूत्रों का कहना है कि सरकार संधि को बहाल करने के मूड में नहीं है. भारत का मानना है कि आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे नए हालात संधि की समीक्षा की मांग करते हैं. हाल ही में भारत ने बगलिहार और सलाल बांधों से पानी की निकासी की, जिससे पाकिस्तान में अनियमित जल प्रवाह की शिकायतें आईं.