Indus Water Treaty: भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को रोकने के फैसले के बाद पाकिस्तान अब मुस्लिम देशों के मंचों पर भी अपनी शिकायतें लेकर पहुंच गया है. जेद्दा में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन के मानवाधिकार आयोग के 25वें सत्र में पाकिस्तान ने भारत पर “पानी जैसे मूल अधिकार” छीनने का आरोप लगाया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि सैयद फवाद शेर ने 'राइट टू वॉर' नामक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का यह कदम एकतरफा, मनमाना और वर्ल्ड बैंक के समझौते के उल्लंघन के समान है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले ही पानी की किल्लत झेल रहा है और भारत की तरफ से आने वाली नदियों में यदि बहाव रुका, तो देश में जलवायु संकट, खेती-बाड़ी और जीवन के अन्य जरूरी क्षेत्रों में भारी संकट खड़ा हो सकता है.
पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने न केवल अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है, बल्कि एक अहम मानव अधिकार भी छीनने की कोशिश की है. प्रतिनिधि फवाद शेर ने कहा, “अगर भारत सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी रोकता है, तो हमारे पास खेती के लिए पानी नहीं बचेगा. देश जल संकट से जूझ रहा है और ऐसे में भारत का कदम हमारे अस्तित्व के लिए खतरा है.”
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला लिया था. साथ ही सिंधु सहित अन्य नदियों पर निर्माणाधीन जल परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने की रणनीति पर भी काम शुरू हो गया है. भारत का रुख यह रहा है कि जब पाकिस्तान भारत विरोधी आतंकवाद को प्रश्रय देता है, तब ऐसे समझौते बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं बचता.
हालांकि पाकिस्तान की शिकायत के बाद भी OIC की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है. न ही किसी सदस्य देश ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के पक्ष में बात की है. फिलहाल, पाकिस्तान ने इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठाने की चेतावनी दी है, लेकिन भारत अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले जल संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट और दृढ़ रुख अपना चुका है.