US Bans TRF: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. अमेरिका ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा यानी LeT के फ्रंट ग्रुप ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ TRF को विदेशी आतंकी संगठन यानी FTO घोषित कर दिया है. TRF वही संगठन है जिसने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “TRF को आतंकी संगठन घोषित करना आतंक के खिलाफ अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है. पहलगाम हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे बड़ा आतंकी हमला था, और इस पर जवाब देना हमारी प्राथमिकता रही है.”
इस फैसले का भारत ने स्वागत किया है और इसे पाकिस्तान के खिलाफ FATF जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बड़ी सफलता बताया है. TRF पर कार्रवाई से भारत अब पाकिस्तान की आतंकी संरचनाओं को बेनकाब करने के लिए और मजबूत स्थिति में आ गया है.
आर्थिक फंडिंग पर रोक
TRF अब अमेरिका में किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता, दान या संसाधन नहीं जुटा सकेगा. अमेरिकी वित्तीय संस्थानों में उनकी संपत्ति फ्रीज या जब्त की जा सकेगी.
प्रवेश पर प्रतिबंध
TRF के सदस्य और समर्थक अब अमेरिका की धरती पर कदम नहीं रख पाएंगे.
सहायता पर रोक
अमेरिकी नागरिक और संस्थाएं TRF को किसी प्रकार की सेवा या समर्थन नहीं दे सकेंगी.
हथियारों और तकनीक पर प्रतिबंध
संगठन को हथियार, सैन्य उपकरण या दोहरे उपयोग की तकनीकों की आपूर्ति प्रतिबंधित रहेगी.
FATF में असर
भारत अब इस कार्रवाई को आधार बनाकर पाकिस्तान को FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डालने की दिशा में दबाव बढ़ा सकेगा. लश्कर-ए-तैयबा और TRF के संबंध पहले से प्रमाणित हैं, और यह कार्रवाई उन सबूतों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देती है.
वैश्विक स्तर पर दबाव
TRF ने पहले हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन भारत द्वारा सबूतों के आधार पर पाकिस्तान की भूमिका उजागर करने के बाद संगठन पलट गया. अब अमेरिका की यह घोषणा भारत की कूटनीतिक पहल को बल देती है और पाकिस्तान पर वैश्विक स्तर पर दबाव बढ़ाती है.