India Bhutan Relation: भारत ने भूटान के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त जारी कर दी है. यह किस्त पीएम मोदी के 2 दिनों के भूटान दौरे से आने के एक हफ्ते के अंदर जारी की गई है. भारत और भूटान के मजबूत रिश्तों को देख चीन को मिर्ची लग रही है. वो नहीं चाहता कि भारत के उसके पड़ोसियों से अच्छे संबंध हों.
भारत के राजदूत सुधाकर दलाल ने भूटान के विदेश मामलों और विदेश व्यापार मंत्री, ल्योनपो डीएन धुंगयेल 500 करोड़ रुपये का दूसरी किस्त सौंपी. भारत ने भूटान को 500 करोड़ रुपये की पहली किस्त 28 जनवरी 2024 को सौंपी थी.
भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया कि भूटान के राजा के पहल के चलते भारत और भूटान के बीच ऐतिहासिक साझेदारी हुई. इससे नेपाल के युवाओं के कौशल और राष्ट्र का विकास होगा.
भारत और भूटान के बीच साइन किए गए MOU के मुताबिक ग्याल संग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार भूटान को अब तक कुल 1,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई है. यह एमओयू जनवरी 2024 में साइन किया गया था. इसके अनुसार भूटान को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये देगी.
आर्थिक मदद मुहैया कराने के साथ भारत सरकार, भूटान के ग्याल संग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार असिस्ट भी कर रही है.
भारत और भूटान के बीच मजबूत रिश्तों की नींव बहुत पुरानी है. चीन इस रिश्ते से बहुत जलता है. चीन ने नेपाल और भारत के रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश की है. इसी तरह वह भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को हमेशा खराब करने की कोशिश करता रहता है. चीन ने भूटान को भी कई बार भारत के खिलाफ उकसाने की कोशिश की लेकिन भूटान ने भारत के साथ अपने रिश्तों में कभी आंच नहीं आने दी है. भारत के पड़ोसी मुल्क से रिश्ते खराब करने के लिए चीन बार-बार दखल देता रहता है. लेकिन उसी हर चाल नाकामयाब होती रहती है.
भारत के इस कदम से चीन का प्रभाव अब और कम होगा. हालांकि, भूटान ने चीन के प्रभाव में आकर भारत की अनदेखी कभी नहीं की है. चीन ने चाहे भूटान को जितान लालच दिया हो लेकिन भूटान ने कभी भी भारत विरोधी कदम नहीं उठाया.