India Stop To All Ammunition Imports: भारत विदेशों से और गोला-बारूद की खरीद नहीं करेगा. भारत के घरेलू रक्षा क्षेत्र में व्यापक वृद्धि और उसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ऐसा कदम उठाने जा रही है. भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना अगले साल से विदेशों से गोला-बारूद की खरीदी बंद कर देगी क्योंकि घरेलू उद्योगों ने आवश्यकताओं की पूर्ति को देखते हुए उत्पादन क्षमताओं को बढ़ा दिया है. भारत के इस कदम से दुनिया की महाशक्तियों को बड़ा झटका लगा है. भारत रूस, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों से अपनी रक्षा जरूरतों का बड़ी मात्रा में साजो -सामान आयात करता है.
भारतीय सेना ऐतिहासिक रूप से अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रही है लेकिन अब भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का बीड़ा उठाया है. अधिकारी ने इकॉनमिक टाइम्स को बताया कि भारत ने विदेशों से मंगाए जाने वाले 175 प्रकार के गोला-बारूद में से 150 का विकल्प ढूंढ़ लिया है.
भारतीय सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (खरीद) मेजर जनरल वीके शर्मा ने कहा कि हम अगले वित्तीय वर्ष से गोला-बारूद का कोई आयात नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सेना वर्तमान में सालाना 60-80 अरब रुपये (718-960 मिलियन डॉलर) का गोला-बारूद खरीद रही है अब जिसकी आपूर्ति घरेलू उत्पादन के जरिए पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा यह भी कहा कि अभी तक, केवल 5-10% आवश्यकताएं ही विदेशी आपूर्तिकर्ताओं द्वारा पूरी की जाती हैं.
द हिंदू ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि उरी और पुलवामा हमले के बाद भारत ने बड़ी मात्रा में कई दौर के गोला-बारूद की खरीद की है. भारत चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच सेना ने अगले दस सालों के लिए एक दीर्घकालिक रोड मैप तैयार किया है. इस योजना का लक्ष्य आयात को कम करना और आपूर्ति के कई स्रोत रखना है. इसके अलावा सरकार स्वदेशी विनिर्माण क्षमता को भी बढ़ावा देना चाहती है.
मार्च माह में मंत्री राजनाथ सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत सैन्य हार्डवेयर के आयात पर ज्यादा लंबे समय तक निर्भर नहीं रह सकता. भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार मंगाने वाला देश है. भारत ने साल 2019 से 2023 की अवधि में वैश्विक आयात का 9.8 फीसदी अकेले हिस्सेदारी रखता है. रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता देश है. रूस से भारत 36 फीसदी हथियारों का आयात करता है.