सरबजीत सिंह के हत्यारे के मर्डर से पाकिस्तान हिल गया है. पाकिस्तान मीडिया के बाद सरकार भी इसके पीछे भारत का हाथ होने का रट लगाने लगाए हुए है. पाक के मंत्री मोहसिन नकवी ने लाहौर में आईएसआई गुर्गे तांबा की हत्या में भारत की संलिप्तता की बात कही है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन हैं इसकी जांच जारी है.
नकवी ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जहां सरफराज रहता था वहां उन पर दो मोटरसाइकिल सवार हमलावरों द्वारा किया गया घातक हमला एक पैटर्न को दिखाता है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान की धरती पर चार अन्य हत्याओं में भारत के शामिल होने का संदेह है. हम आगे बयान देने से पहले जांच के निष्कर्ष का इंतजार कर रहे हैं. पाकिस्तान के इस आरोप पर भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
पुलिस ने कहा कि तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में अपने घर पर था जब हमलावर आए. जैसे ही उसने दरवाजा खोला उन्होंने उसे नजदीक से गोली मार दी. तांबा के भाई जुनैद सरफराज की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात बाइक सवारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पंजाब सरकार ने मामले को पुलिस के आतंकवाद-रोधी विभाग, जो कि आईएसआई का मुखौटा है, को सौंप दिया.
तांबा और उसके कथित साथी मुदासिर मुनीर ने अप्रैल 2013 में कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह पर ईंटों और लोहे की छड़ों से जानलेवा हमला किया था. सिंह को जासूसी करने का दोषी ठहराए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी. 2001 के संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को भारत द्वारा फांसी दिए जाने के दो महीने बाद सरबजीत की हत्या कर दी गई थी.
14 दिसंबर, 2018 को लाहौर की एक सत्र अदालत ने तांबा और मुनीर को सिंह की हत्या के आरोप से बरी कर दिया था. 45 वर्षीय तांबा अविवाहित था और अपने भाइयों के साथ रहता था. वह मसाला व्यापारी था और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था.