अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल संपत्तियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. अमेरिकी कांग्रेस ने जीनियस एक्ट पारित किया, जो अमेरिकी स्टेबलकॉइन्स के लिए नए नियामक ढांचे को प्रस्तुत करता है. यह कानून डिजिटल मुद्राओं और क्रिप्टो के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलावों की शुरुआत है, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जल्द ही इसे कानून के रूप में मंजूरी दे सकते हैं.
यह कानून क्रिप्टो निवेशकों, नवप्रवर्तकों और नियामकों के लिए लंबे समय से जरूरी स्पष्टता का रास्ता खोलेगा. जीनियस एक्ट अमेरिका में क्रिप्टो-विशिष्ट विनियमन का पहला प्रमुख कदम है, और इसके लागू होते ही यह देश में स्टेबलकॉइन्स के लिए नए नियम और सुरक्षा इंतजाम करेगा.
जीनियस एक्ट, अमेरिकी क्रिप्टो उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है जो स्टेबलकॉइन्स (स्थिर मुद्राओं) के लिए एक राष्ट्रीय नियम स्थापित करता है. यह कानून विशेष रूप से उन संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करता है जो स्टेबलकॉइन जारी करती हैं. इसके तहत बैंकिंग और गैर-बैंकिंग संस्थाओं के लिए अलग-अलग नियमन किया गया है.
यह कानून अमेरिकी वित्तीय ढांचे में स्थिर मुद्राओं को एक अलग कानूनी श्रेणी के रूप में मान्यता देता है.
इस कानून के तहत, स्टेबलकॉइन जारी करने वाले बैंकों को फेडरल रिजर्व द्वारा विनियमित किया जाएगा, जबकि बड़े गैर-बैंक संस्थाओं को मुद्रा नियंत्रक कार्यालय (OCC) देखेगा. यह दो-स्तरीय निरीक्षण मॉडल स्टेबलकॉइन के व्यापार को सुचारू और पारदर्शी बनाए रखने का काम करेगा.
जीनियस एक्ट में यह अनिवार्य किया गया है कि सभी स्टेबलकॉइन को पूरी तरह से आरक्षित संपत्तियों द्वारा समर्थित होना चाहिए. इसमें अमेरिकी डॉलर, ट्रेजरी प्रतिभूतियाँ और डिमांड डिपॉजिट शामिल हैं. इसके अलावा, हर स्टेबलकॉइन जारीकर्ता को अपनी आरक्षित संपत्तियों की नियमित रिपोर्टिंग करनी होगी, ताकि निवेशकों को पारदर्शिता मिल सके.
जीनियस एक्ट को वित्तीय उद्योग के विशेषज्ञ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानते हैं. इसके द्वारा, क्रिप्टो निवेशकों को न सिर्फ सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह कदम अमेरिका में डिजिटल संपत्ति के भविष्य को और मजबूत बनाएगा.
यह कानून क्रिप्टो समर्थकों द्वारा स्वागत किया जा रहा है. सीनेटर कर्स्टन गिलिब्रैंड ने इसे अमेरिकी व्यवसायों और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने वाला कदम बताया है. इसके लागू होने से डिजिटल संपत्तियों के लिए एक स्थिर कानूनी ढांचा मिलेगा.
एप्टोस लैब्स के सीईओ एवरी चिंग ने इस एक्ट को ब्लॉकचेन-समर्थित वित्तीय प्रणालियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया है. उनके अनुसार, यह कदम नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोल सकता है और वित्तीय प्रणाली तक पहुंच को आसान बनाएगा.
हालांकि यह कानून सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इससे जुड़े कुछ जोखिम भी हो सकते हैं. विशेष रूप से, कुछ क्रिप्टो समर्थक इसे एक प्रकार के अत्यधिक नियमन के रूप में देख सकते हैं, जो नवाचार को प्रभावित कर सकता है.
कई प्रमुख क्रिप्टो कंपनियां, जैसे सर्किल (जो USDC स्टेबलकॉइन जारी करती है), पहले ही इस नए कानून के अनुरूप अपने संचालन को बदलने की प्रक्रिया में हैं. उनका कहना है कि यह कानून उनकी अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली के साथ एकीकरण को तेज कर सकता है.
जीनियस एक्ट क्रिप्टो की दुनिया में विश्वास पैदा करने के लिए एक बड़ा कदम है. यह अमेरिका में डिजिटल संपत्तियों को एक स्थिर स्थान पर लाकर उनके उपयोग को बढ़ावा देगा. साथ ही, निवेशकों को एक सुरक्षित और पारदर्शी वातावरण में निवेश करने का मौका मिलेगा.