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India Daily

'हम आतंकवाद के खिलाफ...', TRF पर US के बैन से बौखलाया पाकिस्तान, भारत पर लगाए मनगढ़ंत आरोप!

पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार संगठन टीआरएफ को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। अमेरिका का कहना है कि टीआरएफ, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। इस फैसले के तहत टीआरएफ पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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Edited By: Yogita Tyagi
TRF पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध

हाल ही में अमेरिका ने कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है, जिस पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान ने इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि हमले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है और किसी संगठन पर इस तरह का ठप्पा लगाना फैक्ट्स के खिलाफ है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अमेरिका का यह कदम भारत के भड़काने का नतीजा है।

अमेरिका ने TRF को किया आतंकी संगठन घोषित 

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को घोषणा की थी कि टीआरएफ, जो कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन माना जाता है, को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) की सूची में डाला जाएगा। इस फैसले के तहत अब टीआरएफ पर अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आर्थिक लेनदेन और समर्थन लेने पर रोक लग जाएगी।

पहलगाम हमले से संगठन का कनेक्शन 

यह कदम उस हमले के करीब तीन महीने बाद उठाया गया है जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। यह हमला 2008 में मुंबई पर हुए लश्कर-ए-तैयबा के हमले के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है।

पाकिस्तान ने जताई आपत्ति

पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करता है और इस लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं। पाकिस्तान ने कई आतंकी नेटवर्कों को खत्म किया है, उनके नेताओं को गिरफ्तार किया और कार्यकर्ताओं को मुख्यधारा में लाने की कोशिश की है।” इसके साथ ही पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा इस समय निष्क्रिय है और उस पर किसी भी प्रकार का आरोप लगाना जमीनी हकीकत के खिलाफ है।