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India Daily

गाजा में सीजफायर की खबर ने मासूमों के चेहरे पर लौटाई मुस्कान, बच्चों का जश्न देखकर आपके आंखें भी हो जाएगी जश्न

यह युद्ध विराम समझौता गाजा के लोगों के लिए राहत की एक किरन बनकर आया है. इजरायल और हमास के बीच भविष्य में क्या होने वाला है, यह देखना होगा, लेकिन फिलहाल गाजा में युद्ध की घनी छांव से निकलकर शांति के उजाले की ओर बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है.

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Edited By: Babli Rautela
Gaza Celebrate Ceasefire Announcement
Courtesy: Social Media

Gaza Celebrate Ceasefire Announcement: बुधवार को इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते की खबर आने के बाद गाजा के सभी फिलिस्तीनियों में जश्न का माहौल छा गया. यह समझौता 15 महीने से जारी युद्ध को समाप्त करने का उद्देश्य रखता है. इस संघर्ष के कारण दोनों पक्षों में भारी जनहानि हुई है, और यह समझौता फिलिस्तीनी क्षेत्र में शांति की एक उम्मीद बनकर सामने आया है.

हालांकि इजरायल ने चेतावनी दी है कि कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं, फिर भी गाजा के लोग इस समझौते के बाद सड़कों पर निकल आए. लोग एक-दूसरे को गले लगा रहे थे, नारे लगा रहे थे, और खुशी से झूम रहे थे. यह वायरल वीडियो जो संघर्ष के बाद कई महीनों से राहत की प्रतीक्षा कर रहे नागरिकों की मानसिकता को दर्शाता था.

गाजा के अस्पतालों और शहरों में जश्न

गाजा शहर के देर अल-बलाह क्षेत्र स्थित अल-अक्सा शहीद अस्पताल के बाहर सैकड़ों फिलिस्तीनी नागरिक एकत्रित हुए. लोग नारे लगा रहे थे, गाने गा रहे थे और झंडे लहरा रहे थे. युवा बच्चे और वयस्क सभी इस खुशी के मौके पर शामिल थे, और कुछ को कंधों पर उठाकर उनके चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी. वहीं, खान यूनिस में भी बड़ी भीड़ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जहां युवा पुरुष ढोल बजाते हुए और जयकारे लगाते हुए अपने कंधों पर दोस्तों को लेकर भीड़ के बीच से गुजर रहे थे. गाजा शहर में, संघर्ष में मारे गए लोगों के लिए एक मिश्रित भावनाओं का अनुभव हो रहा था – एक ओर राहत तो दूसरी ओर दुख और शोक. 

समझौते से 42 दिनों की शांति की उम्मीद

इस समझौते के तहत, 42 दिनों के लिए युद्ध रुकने की उम्मीद जताई जा रही है. इसमें गाजा में बंधक बनाए गए 33 लोगों को इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों के बदले रिहा किया जाएगा. इस समझौते के चलते गाजा में शांति का वातावरण बन सकता है, जो पिछले कई महीनों से युद्ध और हिंसा के बीच उलझा हुआ था. यह समझौता 7 अक्टूबर, 2023 को हुए युद्ध के बाद की स्थिति को देखते हुए एक जरुरी कदम माना जा रहा है, जिसमें इजरायल में 1,210 और गाजा में 46,707 लोग मारे गए थे. 

रांडा समीह की राहत की भावना

गाजा शहर से नुसेरत कैंप में विस्थापित 45 साल के रांडा समीह ने अपनी राहत व्यक्त करते हुए कहा, 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि एक साल से अधिक समय का यह दुःस्वप्न आखिरकार खत्म हो रहा है. हमने बहुत से लोगों को खो दिया है, हमने सब कुछ खो दिया है.' रांडा की बातों में उस निराशा और पीड़ा का एहसास होता है, जिसे गाजा के लोग इस युद्ध के दौरान महसूस कर रहे थे. इस समझौते से उनकी उम्मीदें जागी हैं कि शायद अब उनके जीवन में कुछ बेहतर हो सकता है.