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भारत की आध्यात्मिक संस्कृति सेवा की भावना से प्रेरित है: प्रधानमंत्री

नवी मुंबई, 15 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति सेवा की भावना में गहराई से निहित है और उनकी सरकार एक दशक से अधिक समय से लोगों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रही है.

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Edited By: Princy Sharma
PM Narendra Modi
Courtesy: Pinterest

नवी मुंबई, 15 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति सेवा की भावना में गहराई से निहित है और उनकी सरकार एक दशक से अधिक समय से लोगों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रही है.

नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने शौचालयों का निर्माण, गरीबों के लिए घर और नागरिकों को एलपीजी कनेक्शन तथा चिकित्सा बीमा प्रदान करने जैसे कई कल्याणकारी उपाय शुरू किए हैं.

उन्होंने कहा, ‘सेवा की भावना धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक है. हमारी आध्यात्मिक संस्कृति का मुख्य आधार सेवा की भावना है. भारत केवल भौगोलिक सीमाओं से घिरा हुआ भूमि का एक टुकड़ा नहीं है. यह एक जीवंत भूमि है, जीवंत संस्कृति है. ज्ञान ही अध्यात्म है और अगर हम भारत को समझना चाहते हैं, तो हमें अध्यात्म को आत्मसात करना होगा.’

उन्होंने कहा कि भगवद्गीता की शिक्षाओं का प्रसार कर रहे इस्कॉन के अनुयायी दुनिया भर में भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति के कारण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.

मोदी ने कहा कि इस्कॉन की सेवा भावना युवाओं को प्रेरित करती है और उन्हें एक संवेदनशील समाज बनाने में मदद करती है जो मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देता है.

प्रधानमंत्री ने भारत को एक ‘असाधारण, अद्भुत भूमि’ बताते हुए कहा कि सच्ची सेवा निस्वार्थ मानवीय प्रयास का प्रतीक है, जहां कोई अन्य हित नहीं होता.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)