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India Daily

गाजा जा रहे Aid जहाज पर ड्रोन अटैक, ट्यूनीशिया अधिकारियों ने दावे का किया खंडन

ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला का यह मिशन गाजा में भोजन, पानी और दवाइयों जैसी आवश्यक मदद पहुंचाने का प्रयास है. यह फ्लोटिला दुनिया भर के कार्यकर्ताओं की एकजुटता का प्रतीक है, जो गाजा में मानवीय संकट को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Drone attack on Aid ship going to Gaza
Courtesy: INSTAGRAM

गाजा के लिए Aid लेकर जा रहे ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला (जीएसएफ) के एक प्रमुख जहाज, जिसे "फैमिली बोट" के नाम से जाना जाता है, उस पर मंगलवार (9 सितंबर) को ट्यूनीशिया तट के पास ड्रोन हमले की खबर है. यह जहाज पुर्तगाल के झंडे तले संचालित था और इसमें जीएसएफ स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य, जिसमें जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल थीं.

संगठन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला पुष्टि करता है कि एक मुख्य जहाज, जिसे 'फैमिली बोट' कहा जाता है, उस पर ड्रोन से हमला हुआ है. ये जहाज पुर्तगाल के झंडे तले था और सभी यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं. फिलहाल, जांच चल रही है और जल्द ही अधिक जानकारी शेयर की जाएगी.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मिशन पर अडिग संकल्प

यह फ्लोटिला 44 देशों के कार्यकर्ताओं और नागरिकों को लेकर गाजा की इजरायली नाकाबंदी तोड़ने और वहां मानवीय मदद पहुंचाने के मिशन पर है. हमले के बावजूद, संगठन ने दृढ़ता दिखाते हुए कहा, "हमारे मिशन को डराने और पटरी से उतारने के मकसद से किए गए आक्रामक कृत्य हमें रोक नहीं पाएंगे. गाजा की नाकाबंदी तोड़ने और वहां के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का हमारा शांतिपूर्ण मिशन दृढ़ संकल्प के साथ जारी रहेगा." इस हमले के पीछे इजरायली अधिकारियों का हाथ होने की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.

ड्रोन हमला कैमरे में कैद

आंदोलन द्वारा जारी किए गए दृश्यों में वह सटीक पल दिखाया गया है जब "फैमिली बोट" पर ड्रोन से हमला किया गया, जिससे जहाज के एक हिस्से में आग लग गई. संगठन की ओर से एक्स और इंस्टाग्राम पर कई वीडियो जारी किए गए. जिसमें फ्लोटिला पर सवार सदस्यों ने भी ड्रोन हमले के वीडियो जारी किए. फैमिली बोट अभियान का हिस्सा रहे जहाजों में से एक है और हड़ताल के समय संचालन समिति के सदस्यों को ले जा रहा था. आधिकारिक बयान के अनुसार, किसी भी सदस्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

इससे पहले हिरासत' में लिए थे ग्रेटा थनबर्ग समेत 12 एक्टिविस्ट

सुमुद फ़्लोटिला से पहले, ग्रेटा थनबर्ग को ले जा रहे मैडलीन जहाज़ को इजरायली सेना ने गाजा तट से लगभग 185 किलोमीटर दूर रोक लिया था. जहाज पर सवार सभी लोगों को हिरासत में ले लिया गया और फिर इजरायल ने उन्हें उनके देशों में वापस भेज दिया.  वहीं, सुमुद फ्लोटिला के लिए, इजरायली सरकार और सेना ने कहा है कि वह कार्रवाई करने के लिए तैयार है. ग्रेटा थुनबर्ग और 44 अन्य देशों के कार्यकर्ताओं को लेकर यह बेड़ा अगस्त में बार्सिलोना से रवाना हुआ था. जहाज़ों की दूसरी खेप गाज़ा पट्टी की ओर बढ़ने से पहले ट्यूनीशिया में मिलने वाली थी.