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इजरायल-गाजा में युद्धविराम से गदगद हुए डोनाल्ड ट्रंप, बोले- जल्द आजाद होंगे बंधक

इजरायल और हमास के बीच हाल ही में एक समझौता हुआ है, जिसके तहत गाजा में हिंसा को रोकने और इजरायली बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का रास्ता प्रशस्त हुआ है. यह समझौता मध्य पूर्व में 15 महीने से चल रही युद्ध की स्थिति के अंत की ओर कदम बढ़ा सकता है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Donald Trump

अमेरिका के राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि "मध्य पूर्व में बंधकों के मामले में समझौता हो गया है. वे जल्द ही रिहा किए जाएंगे." इजरायल और हमास के बीच हाल ही में एक समझौता हुआ है, जिसके तहत गाजा में हिंसा को रोकने और इजरायली बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का रास्ता प्रशस्त हुआ है. यह समझौता मध्य पूर्व में 15 महीने से चल रही युद्ध की स्थिति के अंत की ओर कदम बढ़ा सकता है.

लंबे समय से चल रही बातचीत का परिणाम

यह समझौता कतर और मिस्र द्वारा महीनों तक चलाए गए मध्यस्थता प्रयासों का परिणाम है. अमेरिका का भी इस प्रक्रिया में समर्थन रहा. इस समझौते में छह सप्ताह की शुरुआत की युद्धविराम अवधि और इजरायली फौजों की चरणबद्ध वापसी शामिल है. इस प्रक्रिया के तहत, बंधकों को रिहा किया जाएगा और दोनों पक्षों की जेलों में बंद लोगों को एक-दूसरे के हवाले किया जाएगा.

15 महीनों का खूनी संघर्ष
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को उस समय शुरू हुआ जब हमास द्वारा नेतृत्व किए गए हमलावरों ने इजरायली सुरक्षा अवरोधनों को तोड़कर इजरायली क्षेत्रों में घुसकर 1,200 लोगों को मार डाला और 250 से अधिक इजरायली और विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया. इसके जवाब में, इजरायल ने गाजा पर आक्रमण शुरू किया.

46,000 से ज्यादा मौतें
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक 46,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. गाजा की संकरी तटीय पट्टी अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है और हजारों लोग बर्फीली सर्दी में अस्थायी आवासों और तंबुओं में शरण लिए हुए हैं.

 बंधकों की रिहाई जल्द
समझौते के बाद, ट्रंप के साथ बातचीत में डोप ने कहा, "समझौता ऐतिहासिक है और यह उन परिवारों के लिए आशा की किरण है जिनके बंधक अभी तक बंदी बने हुए हैं. हम जल्द ही उन्हें घर भेजने की प्रक्रिया पूरी करेंगे."यह युद्धविराम न केवल मानवता के नाम पर एक उम्मीद की शिखर है, बल्कि दोनों देशों के लिए स्थायी शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है.