दक्षिण कोरिया ने मंगलवार (1 जुलाई) को कहा कि येलो सागर में रेडियोधर्मी स्तरों में कोई असामान्य परिवर्तन नहीं देखा गया है. यह बयान उन खबरों के जवाब में आया है, जिनमें दावा किया गया कि उत्तर कोरिया अपनी नदियों में रेडियोधर्मी कचरा बहा रहा है, जो दक्षिण की ओर बहती हैं.
उत्तर कोरिया की रेडियोधर्मी गतिविधियों पर सवालदक्षिण कोरिया स्थित समाचार आउटलेट डेली एनके की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि उत्तर कोरिया के उत्तर ह्वांगहे प्रांत के प्योंगसान काउंटी में स्थित एक यूरेनियम शोधन सुविधा से यूरेनियम कचरे को नदियों में डाला जा रहा है. इस खबर ने क्षेत्रीय पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.
येलो सागर में रेडियोधर्मिता सामान्य
हालांकि, दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने पुष्टि की कि वह प्योंगसान सुविधा सहित उत्तर कोरिया की परमाणु गतिविधियों पर संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर निगरानी कर रहा है. येलो सागर में रेडियोधर्मिता सामान्यएकीकरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पत्रकारों से कहा, “संबंधित एजेंसियां येलो सागर में रेडियोधर्मी स्तरों की नियमित जांच करती हैं, और इसमें कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं देखा गया है.”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन चूंकि यह मुद्दा हमारे लोगों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण से सीधे जुड़ा है, मंत्रालय अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई पर विचार कर रहा है.” परमाणु सुरक्षा और संरक्षा आयोग (NSSC) ने भी कोई असामान्य रेडियोधर्मी संकेत नहीं मिलने की पुष्टि की. सुबह 11 बजे तक, देश भर में रेडियेशन स्तर 0.059 से 0.212 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटा के बीच रहा, जो सामान्य सीमा 0.05 से 0.3 माइक्रोसीवर्ट के भीतर है. सीमावर्ती द्वीप गंगह्वा में यह स्तर 0.143 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटा दर्ज किया गया.
उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाएं
पिछले महीने अमेरिका स्थित निगरानी समूह बियॉन्ड पैरलल ने सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर दावा किया कि उत्तर कोरिया के योंगब्योन परमाणु परिसर में एक संदिग्ध यूरेनियम संवर्धन सुविधा में निर्माण कार्य चल रहा है. यह उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों के विस्तार की मंशा का संकेत हो सकता है. फिलहाल, दक्षिण कोरिया इन गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है.
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर चिंता
उत्तर कोरिया की इन गतिविधियों ने क्षेत्रीय स्थिरता और पर्यावरणीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. दक्षिण कोरिया की सरकार ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और स्थिति पर नजर रखने के साथ-साथ उचित कदम उठाएगी.